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________________ १७२ विहर् + त्तए-विहरित्तए, विहरेत्तए (विहर्तवे - विहर्तुम् ) विहार करवा माटे आहर + त्तए-आहरित्तए, आहरेत्तए (आहर्तवे-आहर्तुम् ) आहार करवा माटे दल्+त्तए-दलहत्तए, दलपत्तए (दातवे-दातुम् ) देवा माटे ['आहरित्तए' ने बदले 'आहारित्तए' पण वपराय छे अने 'दल्+त्तए'मां 'अइ' उमेरायो छे] होत्तए-होइसए, होएत्तए (भवितवे-भवितुम् ) थवा माटे होत्तए-होत्तए (भवितवे-भवितुम् ) थवा माटे सुस्सूस+त्तए-सुस्सूसित्तए, सुस्सूसेत्तए (शुश्रूषितवे-शुध षितुम् ) शुश्रूषा करवा माटे चंकम+त्तए-चंकमित्तए (चङ्क्रमितवे-चङ्क्रमितुम् ) चंक्रमण चंकमेत्तए करवा माटे भण-भणावि+त्तए-भणावित्तए-(भणापयितवे-भणापयितुम् ) भणाववा माटे कर - करावि+त्तए-करावित्तए ( कारापयितवे-कारापयितुम्) कराववा माटे कर् - कारि + त्तए-कारित्तए ( कारयितवे-कारयितुम् ) कराववा माटे अनियमित हेत्वर्थ कृदंत कर + तु-कातुं. काउं. कट्ठ (कर्तुम् ) करवा माटे गेण्ह + तुं-घेत्तुं (ग्रहीतुम् ) ग्रहण करवा माटे दरिस् + तु-दट्टुं (द्रष्टुम् ) देखवा माटे-जोवा माटे भुंज+तुं-भोत्तु (भोक्तुम् ) खावा माटे-भोगववा माटे मुं+तुं-मोतुं (मोक्तुम्) छूटवा माटे-छूटा थवा माटे रुद्तुं-रोत्तुं (रोदितुम् ) रोवा माटे वक्तुं-चोक्तुं ( वक्तुम् ) बोलवा माटे
SR No.007832
Book TitlePrakrit Margopadeshika
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBechardas Doshi
PublisherGurjar Granthratna Karyalay
Publication Year1943
Total Pages294
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size14 MB
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