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________________ साल २०१४में गुजराती और अंग्रेजीमें संवत्सरी प्रतिक्रमण विधि सहित भावानुवाद पुस्तकका विमोचन हुआ उसे अप्रतिम प्रतिसाद मीला | प्रथम आवृत्ति का वित्तरण-विमोचन हुआ तब सोचा न था ऐसा प्रतिसाद मीला। जब पुनः मुद्रण करनेका सोचा तब उसमें नया क्या जोड पाये उसके लिए मनोमंथन किया । और सूत्रके आगे सूत्र का चित्रण रखनेका खयाल आया ।इस ख्यालको पू.म.सा.भव्यदर्शनजी का साथ मीला और जो कुछ गलतीयाँ कमीयाँ रह गई हो तो उसे सुधारनेका मौका मिला | उनका खूब खूब उपकार । ___ घरके वडीलजनोने मेरे कार्यमें जितना विश्वास जतायां, उससे मेरे आत्मविश्वासको बढौती मिली। और ईस वर्धमान उल्लासके साथ गुजराती और अंग्रेजीके पुनः मुद्रणके साथ हिन्दी पुस्तकभी तैयार हो गया। अब २०१५ के पर्युषणमें हरेक साधकके हस्तकमलमें यह पुस्तक देखनेकी मेरी भावना है | प्रभुसे प्रार्थना कि मेरी यह ईच्छा सफल हो । ईला दीपक महेता
SR No.007740
Book TitleSamvatsari Pratikraman Hindi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorIla Mehta
PublisherIla Mehta
Publication Year2015
Total Pages402
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Paryushan
File Size28 MB
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