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________________ M ondamenition - StyaHNAHA SHAHJAHANPAHESHYANHYAMAN AMATLATALAYA! या श्रुत-सेवा में विशिष्ट सहयोग तपाचार्या श्री मोहन माला जी म... के १५३ दिवसीय दीर्घतप तथा तपसर्या श्री आरती जी म के ४१ दिवसीय दीर्घतप आराधना के शुभ अवसर पर महासती प्रवेश कुमारी जैन, चेरिटेबल हॉस्पीटल, बी-११, गली ९ मानसरोवर पार्क, दिल्ली द्वारा ५१ हजार का सहयोग किया गया। श्रमणी सूर्या उपप्रवर्तिनी विदुषी . ... डॉ. सरिता जी महाराज की सुशिष्या डॉ. श्री शुभा (पिंकी) जी महाराज के . पारणे के शुभ अवसर पर श्री पद्म प्रकाशन की ओर से हार्दिक वधपिन। FAMOH NEE IND. .. श्री सुभाष जी जैन एवं श्रीमती शशि जैन विवेक विहार, दिल्ली आप दोनों की उदारता और गुरु भक्ति सराहनीय है। धर्म एव समाज सेवा के शुभ कार्यों में अपनी संपत्ति का - सदुपयोग करते रहते है। शास्त्र प्रकाशन में आपका .... सहयोग सदा ही मिलता रहा है। श्री सतपाल जी एवं श्रीमती प्रेमलता जी .5 पेहवा (कुरुक्षेत्र) "आप दोनों ही पूज्य गुरुदेव के प्रति अत्यन्त भक्ति . व समर्पण भाव रखते हैं। धर्म तथा समाज सेवा के . कार्यों में उदार मन से सहयोग प्रदान करते रहते हैं। . DARADABAD Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.007652
Book TitleAgam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorDevvachak
AuthorAmarmuni, Tarunmuni, Shreechand Surana, Trilok Sharma
PublisherPadma Prakashan
Publication Year1998
Total Pages542
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationBook_English, Book_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, Conduct, & agam_nandisutra
File Size19 MB
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