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________________ * विवेचन-वनस्पतिकाय के शस्त्रों के विषय में नियुक्तिकार का कथन इस प्रकार है "कप्पणि-कुहाणि-असिय गदन्ति य कुदाल वासि परसू य। सत्थं वणस्सइए हत्था पाया मुहे अग्गी॥" (आचारांग नियुक्ति १४९) . कैंची, कुठार, हँसिया, छोटी हँसिया, कुदाली, वसूला और फरसा। हाथ, पैर, मुँह आदि। ये सब द्रव्य शस्त्र हैं तथा भाव शस्त्र है असंयम। Elaboration—Regarding the weapons against plant-bodied beings the author of Niryukti (commentary) states as follows___Clippers, pick-axe, sickle, spade, hatchet, hoe and axe; and hands, feet, mouth, etc. All these are physical weapons and the mental weapon is indiscipline. मनुष्य शरीर एवं वनस्पति शरीर की समानता ४६. से बेमि-इमं पि जाइधम्मयं, एयं पि जाइधम्मयं; इमं पि वुड्ढिधम्मयं, एयं पि वुड्ढिधम्मयं; इमं पि चित्तमंतयं, एयं पि चित्तमंतयं; इमं पि छिण्णं मिलाइ, एयं पि छिण्णं मिलाइ; इमं पि आहारगं, एयं पि आहारगं; इमं पि अणिच्चयं, एयं पि अणिच्चयं; इमं पि असासयं, एयं पि असासयं; इमं पि चओवचइयं, एयं पि चओवचइयं; इमं पि विप्परिणामधम्मयं, एयं पि विप्परिणामधम्मयं। ४६. मैं कहता हूँ-यह मनुष्य शरीर भी जन्म लेता है, यह वनस्पति भी जन्म लेती है। यह मनुष्य शरीर भी बढ़ता है, यह वनस्पति भी बढ़ती है। यह मनुष्य शरीर भी चेतनायुक्त है, यह वनस्पति भी चेतनायुक्त है। यह मनुष्य शरीर छिन्न होने पर म्लान होता है, यह वनस्पति भी छिन्न होने पर म्लान होती है। ___ यह मनुष्य शरीर भी आहार करता है, यह वनस्पति भी आहार करती है। यह मनुष्य शरीर भी अनित्य है, यह वनस्पति भी अनित्य है। शस्त्र परिज्ञा : प्रथम अध्ययन ( ५७ ) Shastra Parijna: Frist Chapter Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.007646
Book TitleAgam 01 Ang 01 Acharanga Sutra Part 01 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherPadma Prakashan
Publication Year1999
Total Pages569
LanguagePrakrit, English, Hindi
ClassificationBook_English, Book_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, Conduct, & agam_acharang
File Size21 MB
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