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________________ २६ २७ Ends जम्हा एसो सुद्धो अनिथाणो होइ भावियमईण || तम्हा करेह सम्म जह विरहो होइ कम्माणं || ४४ || पंचाशकप्रकरणं समाप्तमिति || आराधनाप्रकरणम् - मागधी. Begins आलोयणोवयारं उच्चारा खामणा अणसणं च || सुहभावणा नमोक्कारभावेणं चत्ति समणविही ॥ १ ॥ Ends इय अभयसूरिविरद्दयं आराहणपगरणं पढताण || सत्ताण होइ नियमा परमा कलाणनि फत्ती || ८५ ॥ उपदेश प्र० - मागधी Begins नमिऊण महाभार्ग तिलोगनाहं जिणं महावीरम् || लोयालयभियंकं सिद्धं सिद्धोवए सत्थम् || वोछं उवएसपए कइइ अहं तदुवएसउ सुयमे ॥ भावत्थसारजुत्ते मंदमइविबोहणठाए || २ || Ends १११० अनियय सठावया कालिकाचार्यकथा - आर्याबद्धा - मागधी |Begins ॥ ॐ नमो वीतरागाय ॥ हयपडिणीऊ कइतित्थउन्नई जयर्ड कालगायरियम् ॥ विज्जाणंदरिसीणय देविंदोधम्मकित्तिधरो || १ || मगहेसु धरावासंमि वर सी होनिवो [भिधो ] पिया तस्स || सरसुंदरित्तिपुत्तो कालऊ [ कालिङ] सरसई उहिया || २ || अभयसूरिः यशोभद्रसूरिः ४ ५० ४-५ ४७-५५ ४-६ ७०-७६ ५-७ | १२० १२५ D .... : संपूर्णम् अपूर्णम् त्रु. अपूर्णम् ( 17 )
SR No.007578
Book TitleOperation In Search of Sanskrit Manuscripts in Mumbai Circle 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorP Piterson
PublisherRoyal Asiatic Society
Publication Year1883
Total Pages275
LanguageEnglish
ClassificationBook_English & Catalogue
File Size115 MB
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