SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 90
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक प्रश्न निर्णय | ७७८ भवनपति व्यन्तर जोतिषी सौधर्म ईशान के देख सदेवीक सपरिचार, सनत्कुमार स अच्युत तक अदेशीक सपरिवार हैं, मैत्रेयकानुप्तर देव य देवीक अपरिचार हैं । ७७९ परिचारणा पाच प्रकार है कायादि भेदसे उस्म भवनपति आदि ज्ञानान्त कल्प में कायपरि चारणा है, शनत्कुमार माहेद्र मे स्पर्शपरिचा रणा है ब्रह्मातक मे रूपपरिचारणा है, शुक्र सहस्वार मे शब्दपरिचारणा है, अच्युतान्त ४ मे मनपरिचारणा है, ग्रैवेयकानुत्तर में परिचारणा नही है । ७८० वामन समुत्पन्न होने का अधिकार ७८० पत्राक विषय और प्रश्नादि यह कायपरिचारक यावत् मनपरिचारक दो | मे कौन किस्से प्रत्पयत्व है ७८४ (३४ वा पद पूर्ण ऊना ) ७८६ , ॥ ३५ वा कहते हैं ॥ सीयामसारीर यह सग्रह गाथा शीत उघ्न मिश्र एव तीन प्रकार वेदना कही नारकी को कौन वेदना ७८७ द्रव्य क्षेत्र काल मात्र से चारप्रकार वेदना, नार की कौन वेदना वेदै एव वैमानिक पर्यन्त शारीर मानमी शारीरी मानसी शारीरमानसी भेदसे तीनप्रकार वेदना, नारकी कौन वेदना वेदे एव यावद्वैमानिक पर्यन्त ७८८ 4
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy