SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 51
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विषय और प्रश्नादि पत्राक ___ विपय और प्रश्नादि पत्राक योगपरिणाम मन थचन काया से तीन नेद, उ पानव्यन्तर गतिपरिणामाधिकार जोतिपी नी पयोगपरिणाम दो भेद है , ज्ञानपरिणाम पाच ऐसेही कहा ११२ नेद है, शज्ञानपरिणाम ३ नद , दर्शनपरिणाम राजीव परिणाम यन्धनपरिणाम आदि नेद से तीन नद, धारिप्रपरिणाम ५ नेद , वेदपरिणाम १० प्रकार कहा| ११३ तीन नेद है इत्यादि वक्तव्यताधिकार १०९ | बन्धन परिणाम दो नेद, दो गापा । ११३ सरकमार गतिपरिणामाधिकार ४१० | गतिपरिणाम दो नेद है, सस्यानपरिणाम पाच पृषिधीकाय परिणाम वक्तव्यताधिकार नेद है , १११ थप वनस्पसिकाय मी ऐसेही कहा, तेजो वायु वर्ण परिणाम पांच नेव है , गन्धपरिणाम दो मे लेश्यापरिणाम जैसे नारफी को कहा , दी। नेव है| १११ |न्द्रियगतिपरिणामाधिकार एव पौरिन्द्रिय प परिणामदा पिदिय तिर्यंच वक्तव्यताधिकार- - RA गीत परिणाम पर्दै १३ पूर्ण) कि पन्त १११रणाम ५ नेव, पर RSatyA मनुष्य पर वक्तध्यताधिकार पारणामाघिकरिMER 1-. c ok 101.
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy