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________________ ३८२ विषय और प्रनादि पत्राक विषय और प्रश्नादि पन्नाक ___ भापा द्रव्य की, ३७७ / नारकी जिन द्रव्यो का भाषापणे ग्रह सो स्थित पुछोगाढ अणतर यह उक्ता सग्रह गाथा । के अस्थित ग्रह ६८६ जीव जिन द्रष्यो को भाषापणे ग्रहै सो क्या सा एव एकेन्द्रिय को बोडकर वैमानिक पर्यन्त द तर ग्रह के निरन्तर ३८२ डक कहना अल्पयहुत्व तक| ३८६ जीय जिनको भापा पणे निकाले सो निरन्तर जीव जिन द्रव्यो को भापा पणे ग्रह सो स्थितके | निकले के सान्तर निकले इत्यादि अस्थित ग्रहै एवं पृथक्क से भी दरक कहना जो द्रव्य भापापणे निकले गृहीत के अग्रहीत, वैमानिक पर्यन्त २८७ मिनके अभिन्न निकले। ३८१ | जीव जिनद्रव्यो को सत्यभापापणे ग्रहै हत्यादि इन माषा द्रव्यो का खड भेदादि पाचभेद कहे, । औधिक गमाके ऐसे सर्व कहना फकत घेरिद्री| वह भेदादि निरूपण ३८५ तेरिद्री चौरिद्री छोटदेना ३८८ खसभेद प्रतरभेद चूर्णिकाभेद अनुतटिकाभेद से कितने प्रकार वचन , सोलह भदें एकवचनादि उत्कटिका भद स भिन्न भाषा द्रष्यों मे कौन भेद से| ३८८ फिस्से घोडा घणा इत्यादि २८६ कितने मापाजात , चार कहे , इन चारो को
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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