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________________ राया परिषसह वजपाणी पुरदरे सयकाउ सहस्सस्के मघध पागसासणे दाहिणढुलोगाष्टिबई पतासायमा णाघाससयसहस्साहिया एरावणवाहण सुरिदे शरयवरयत्यधरे ष्णालडयमालमउर्फ नवहेमचारुचितचंपल फुलविलिहिआमाणगर्ने महिहिए जाय पनाममाण सेण तस्य पप्तीसाए श्रिमाणावाससयसहस्साण चउरा सीए सामाणियसाहस्सीण तायप्तीसाए तायप्तीसगाण घउराह लोगपालाण अठरह चग्गमहिसीण सपरि घाराण सिरह परिसाण सप्ताह शुणियाण सप्ताह शणियाहिवाईण चउराई चउरासीण छायररकदेवसाह स्सीण छन्लेसि च यत्रण सोहम्मकप्पवासीण येमाणियाण देवाणय देवीणय शाहे वच्च पोरेवच्च कुछमाणे जाय विहरति। कहिण त्नते। इसाणगदेयाण पजाप्तापजन्माण ठाणा प०? कहिण नते। ईसाणगदेवा परिय सति ? गो० । जयष्टीय २ मदरस्स पछयस्स उत्तरेण हमास रयणप्पनाए पुढयीए यकसमरमणिकानू मिनागा उह चदिमसूरियगहगणनस्कत्ततारायाण यइ मायणसयाइ यन्नइ जोयणसहस्साइ जात्र पति दाविहिमानावासातसाम्राधिपति रैरावपान सरेनोऽरबोम्बरवक्षधर पातमितमातम फुटो नग्मचाहवित्तवनामकुण्ठसवितिपय मानमको मादिगो पावरप्वासपम्स तत्रवाधिशादमानावासमतमात्रामा पतरशीत्या सामामिपमानामा परिवगमस्यामामा पापविश पटेवाना चतुर्मासोबपासामा पटामामग्रमभिपी सपरिवारा तिसर्व पर्यटा समानामावाना समानाममीबाधिपतीनां चतुर्ण तरक्षी त्यात्मरदेवमासाबां परपपा च मङ्गमा सोधमापवासिदगो देवीमा आधिपत्य कुवम्पमपन् यावद्विपरतिपदनाशामदेवानां प पर्याप्तापर्याप्तामा स्वामानि प्रप्तान प्रान शामरवा पारवसातामौतम । जम्मदीपद्वीपे मदरस्य पवेतस्योत्तरतोमा राप्रापाप पिव्या बासमरमपीयामिप्रागावखें चन्द्रमपणापवताराद्वपम्पो पनि पोवनशतानि यामि योजनासायाधि पावनुत्पत्पावेशाम
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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