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________________ 7 ' बषि ठाणे तजा समचउरसे १ निग्गोहममले २ सादि ३ बुक १ धामणे ५ मे ६ सपहसलुयाउसीमणु या फेसठाणे षट्ट सघयणसठाणच उस छाउयचमणुयाण खणुसमय परिहायड़ उसपिषिकालदो से १ को मायलोभाउ सन्नषत्यमणुयाण धूमसुलघूप्रमाणावेणणु माणसति २ विसमातुलाविसमाणियज्ञणव एसुमाणानि पिसमरोमकुलाइ तणउग्रिसमा बासाइ ३ विसमेसुपवासेसुकृति शुभाराष्ट्र सद्विबलान उसहिदुवाले पापरिहाराण ४ एष परिहायमाणेलोपष दुश्चकालपरकमि जेधम्प्रियामणूसासूजी वियजीषियवसि५ । पाउसोसेजानाम एके पुरीसेकाए कययलिकस्मे कयोउपमगलपापविवेसिरसिताए कसा कई व्यापिठ मणिण सुमघवस्यपरिहिए दोकिणगाय सरीरे सरससुरगिघगो श्रीसचदणाणुठितगते हमाला पन्नगविशेषणा कपिपहारहार तिसरयाच पठयमाणकमुिलयकपसी हे पिपागविलगुसिगल लिय गयखलियकश्यानरण नाणा मणिकण गरयणकणगत्तु द्विप्रयनियनुए व्यष्यिषेरिस कुमलुकोषिसाप्राण सउ दिसमर टायप रुययत पात्ययपत्र यमाणमुक्रयामन्त्रिरिको मुद्दिस पिरालमुखीए याणामणिक पपपत्तविन्नाम्मा प्रिया जियादा तर संपुरिस थम्मापिपुर शोषयमिसिमितिविरचयसि धाषिषी खलए कियुकणाप कियावन्नसिए --- 1
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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