SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 121
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शाकावयाय शपज्जनसफमछाउकाष्ठयाया सेप्त सुजमशाउकाडया॥से कित याटरष्टाउकाडया बाटर शाउमाप्ठया शुणगविता पममा, तजहा साहिमए महिया करए हरतणए सुशोदए सीतोदए उसिणोदए नारोदए स्वहोदए यिलोदए लवणोदए थारुणोदए खीरोदए स्खोदोदए रसोद जेयावसतहप्पगारा सेसमा सन दयिष्ठा पणता, तजहा पक्षप्तगा शपजप्तगाय, शत्यण जेत शु पाप्तगा तेण शसपना, सत्यण जेते पजता एएसिणधणादेसेप गधादेसेण रसादसेण फासादेसेण सहस्सग्गसोविहाणाइ सखजाड आणिप्पम् इसयसष्ठस्साह पज्जप्तगणिस्साए छपाप्तगा पक्कमति , सत्य एगो तत्यनियमा शसस्वेज्जा । सेत यावर थाठमाझ्या । सेप्त छाउकाइया ॥ से कित्त तेउफाहया ? तेउफाहया दुविहा पणत्ता, तजहा सुजामतेउ फाइयाय पादरसेउफाइयाय, से किस सुजामतेउछाइया सुजमतेउफाइया दुविहा पमष्ठा, तजहा पजत र पुनीवर जावोषम् समोरच बारोपणम् पयोषम् पन्नोपय सोपवं वातपोवनीरोवर्ष पोदोवर. रतोपर बापा प्रबाराले समासतो गिविधा सता तपा-पर्णतया पपोतवायये पवे पपोसवा समासा । ये पत्रे रसायम स्पर्धापन सातापी विधानानि सम्पामि। पीमियमसानि बसालापीतिनिर्मा Lilataपुरमामा परेवा नियमा wear : e अपरोप्लामिका पति वा पानी पीतवपासका बासिया infबिEAM -लाnिtitaगापिकातीतच रमतामापिथानामतेगापिका। जसिया मस्तिषी-धर्माप्तिापातामाता सलमायापिचापच पतिविधा बाररतेबवापिचा।। बादरतबाबावियाच HTA 1 पपा-गरबासो सुनुचित पचान मालिक लिपुत् नि, fratan, पंचवमुचिता, पूर्व - EXKAHA
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy