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________________ थाउकाहया तेउकाएया धाउकाडया धणस्सहकाया। से फितं पुढधिकाहया पुढविकाइया दृषिहा प०, तजहा-सुऊमपुतधिकाइया पाढरपुधिकाइया । से फित सुक्रमपुरविकाइया सुजमपुढधिकाइया दुविहा पत्ता, तजहा-पजत्तसुजमपुनधिकाइयाय छपज्जत सृजमपुढषिकाइयाय, सेतसुऊमपुतधिकाइया। से कित यादरपुढधिकाइया यादरपटषिकाहया दुयिहा परसप्ता, तजहा-सरहयादरपुढधिकाइयाय खरयादर पुढधिकाइयाय। से कित सराह यादरपुढधिकाहया२ सप्तविहा पसप्ता, तजहा-किरहमत्तिया नीलमप्तिया लोहियमसिया हालिहमतिया सुक्किालमप्तिया पफमप्तिया पणगमतिया । सप्त सराहयादर पढयिकाहया। से कित स्वरयादरपढयिकाइया ? खरयाठरपुढविमाया थणेगविहा पहप्ता , तजहा-पुतषीयसकारावा छुपायउवलेसिलायलोणूस । यतयत उयसीस सप्पसुषणेपवइरेय ॥ १॥ हरियालेहिगुलुए मणोसिलासा शिविधा तपपा अमेपपिवीवापिसाः बाबरपमितीचापिया । पप विविधा सूक्षापपिनायिका पुत्मपयितीयिका विविध प्रताः । तपा-पर्याप्त समपचिवोवापिका अपर्याप्तसूक्ष्मपिवीमाया । देवालपषियोवापिधाराविधि-वादर पषिोडापिसा बादरासीमापिथा द्विविधा प्रतापपा-घरपवादस्पभिनीवामिबारबारमावर पिंधकीपिकामय पत्तावरपापिणा ।। पावरyिafter Nationा मनातली भालपत्तिका साहितपतियाँ . हरिपजिवामपत्तियार पारीनुमकिन पाताना मलबदरपाकीनायिका कतिविचारसरबाररपपिवापिका। भरमार रविवादियानिधाता तिचा-पपिरावानवाः सपमा बिता सबबम्पम् । परतापपुतीमरूप्यानि प्रतीक्षामिारिवासिये मनापसारमनप्रवासम् । पत्रपटसानामा बारपभिवाचावनी ॥२. मोपण --
SR No.007380
Book TitleAgam 24 to 33 Das Prakirnak Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1886
Total Pages388
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & Conduct
File Size8 MB
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