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________________ 08 रायपमयी। देवे देवाणु प्पिय व दामि जावपवासामि मुरियाभाई समर्ण भगव महावीरे सूरियाम देव एव वयासी पोराणमेय मुरियामा जीयमेय सूरिवाभा किच्छमेय मुरिवामा करणिज्झमेव मृरिवाभा प्राविण मेय भूरियामा अझण गणावमेय मुरियाभाजण भवगावर वाणमतर जोइस मागिय देवा अरहते भगव ते वटति नमसति तउपच्छा साह २ नामगोवाइ साइति त पोगणमेय मुरियामा जाव अज्मणुगणायमेय मूरियामा तएण स.रियाम देव समणेण भगवया एव वुत्ते समाण हट्ट जावसमा भगव महावीर व दई नमम ति वदित्ता गामसित्ता गच्चामन्ले नाहदुरे मूमृममाण गामममागो अभि मुहे विणएण पजलिउडे यप वासति तएण समणे भगव मड़ा (तएण) मित्यादि वन्दामि नमसामि (जावपमवा सामी)त्यन यावच्च दकरणात् "मत्कारीम कल्लाग्य माल देवय चेदय पवासैमि” इति परिगुत। तत' (मूरियामाद) इत्यादि म्यामात् आदिमु ख्य' पर्व पासकतया याय स मुयामादि ममानी भगवान् महावीर स्त मुयाम देव मेर मवादीत, (पोराणमेय)मित्यादि प्राग्वत्, (नच्चासन्ननाद) इत्यादि नात्यात नीतिनिक्टोऽवगत परिहारात, नात्यासन्ने वा स्थाने बत्तमान इति गम्यम । (नाइदर) इति न नैवातिदी तिथि कृष्टोऽनीधित्य परिहारात नातिटूरे वा (मुस्सूममाण) इति भगवचनानि थोतुमिच्छन, (अभिमुझे) इति भगवत लक्षीकृत्यमुखमस्येति अभिमुम्नी भावत स मुखदत्यथ' । विनयन हेतुना (पञ्जलि उडे) इति प्रसृष्ट' प्रधानी ललाटतटघटितत्वेन अनि इस्तन्यामविशेष कृती येन म प्राउजलि कृत मुखादिदशनात का तस्य परनिपात' पयुपात सेवते (तएण समगो भार मित्यातित दणकरी श्रमण भगवत महावीर मृधाम देवप्रतिएमबीनताद्या जूनउ एह कार्यनिरतरदेवता पविण्ह कायकीधउ है मूवाभ तुमार एन पाचरण्य हे मूर्याभ तुम्हारु ण्ड कतव्य करियायोग्य हे मूयाभ तुम्हारो एह करणी हे मूयाभ नुमद एह प्राचीर्णकल्पनाय ई मुयाम अमर ननारदतीधकरदूपगि अनुजाए आनादीधी है मूयाभ तहस्यउ तह भवनपतीन्यतर यौतिषी मानिक देव अर'त भगवत्तिद् वाद नमस्मरकर तिवारपछी पीतानार नामगीवन समनारद तहजनूएहकाय हे मूबाम यात्रतसब्दशहद जीवमेयइत्यादिक पाठक हि मुजिहा पाजा दीक्षा हे सूयाम तिद्वारपछी तेच भूयाभ देवथमणदू भगवत' इमकहीउ पपासुमा अणिदया थमण भगवत महावीरप्रति वाद नमस्कारकर दादीन नमस्कारकरीन अतिडूकडूनही
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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