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________________ सवपसेखी। जोवाए पच्चस्खामि जपियमे सरीर इट्ट नाव फुसति एव पिवण चरिमेहि ऊमासनीसीमेदि वोसिरामे तिक्वटू बालोदय पडिक्वते समाहिपत्त कालमामेकालकिच्या सोइमेकध्ये सूरिया विमाणे उवगवसमाए जाव उववपयो ततेषा सूरियामे देव अहोववाए वेव समाण पचविहार पमतीए पज्झति भाव गच्छति तजहा आहारपज्झतीए सरीरपज्झत्तीए इद्रियपत्तीए आगापाणपझ तो मामामणभत्तीए तएव खल गोयमा मूरिया गण देवेण सादिव्वा देवठीदिव्वा देवजुत्ती दिव्वे देवाणुभावे लट्ठ पत्ते अभि समन्नागते मृरियाभस्मण मते देवस्स केवदय कालठित्ती पन्नत्ता गोवमा चत्तारि पलिउवमाइ हिद पन्नत्ता सेण मते मरियामे देवे ताउ देवलोगाउ पाउक्खएण भवक्खएण वित्तिखएण अण तरचय चइत्ता कहिगमति कहि उववभिहिति गोयमामाहा विदछ वामे मुखन परिवडिप्यते धर्यत इति व्याख्यानमलझरणत प्रयागत महादेहद संधयिष्यति निष्पाद यिष्यति गिप्यापवियत्यभ्यासकरिष्यति नवभामुत्तोपडिवाहिए इति है सोने नयने हैं दिक चिपकारद शहार जावजीवलगडू पन्चपुछड जंहपणिमाहरु सरीर इष्ट कात स्पेवात पिवसातउमारासरीरनफरिसद एउपणिसरीर केहलुइ अमासनीमास मिराबुरावडमकही पत्तीचरलागाइते पाली पडिकनी ममाधिप्रासथकद कालना अवसरिकालकरी सौधा कल्पर पहिलेदेवलीद मयाम विमान उपयानभाइसिय्यानविपद अगुलनइ प्रसप्यातसि भागि अवगाहना उपनु निधारपछी मुयाम देवा तत्काल रुपनउ धक परप्रकार प्रयाप्तर पयाप्ति भावप्रति पाम तेकदा पाहारपवास १ सरीरपथ्याप्त २ इद्रिवपयात ३ सामोस्वासपयाप्त ४ भाषापनसमकाल ५ एवीपाचषयातक उतमाट गौतमतदातर नाटकसमरपुश्द्ध उभगवान सूर्याभास्यापुरयकरानाधकीपबडी ऋडिपात तर एणैकारणामीनअपाश्नाकरीतोमव निश्चदू गोतम मुवामद देवड तंह प्रधान देवनीवडिपरिवार प्रधान देवनीजमतिकातिवसाणिक दवनु अनुमाला वासु हातमात्य बलीगीतमा सरियाभनु इंपन्य देवन कैनला काललगिस्थति अायुपु बहा भगवतव हद छह गोतम च्यारपन्या स्थितिकहावलीगौतमपुछद्र तह ईज्य सूयाम देव तह सौधमाद वतीभवती देवकी वायुपुक्षयकरी देवनीगतिनुनपरी योनीवाति
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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