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________________ २४३ रायपसी। दिया अन्नजीजिविया तएगा केसीकुमार समों पएसि राय एव वयासी संजहानामए अकवाणियाइ वास खवाणियाइवा दत वाणियाइ वासुकमजे कामानो समपंधपुच्छति एवामेव पदेसी पुर्वविवणय भाजउ कामेनोसमपुछसि सेतूणतव पदेसी ममपा सित्ता अयमेयारवे अझझिए जाव समुप्पजित्थाजडा भोजर्ड पज्झबासति जाव पवियरितूण पदेसी एस अ? समढे हता यत्यि तएणसे पदेसीराया केसीकुमार समणं एववयासी सेकेगाभते तुझं णाण वाद सणेवा जेयातुन्भे ममएयारुव भत्यिय जाव सकप्यं समुप्पगण जाइ पासह ततेणसे केसीकुमार समणे पएसिरायं एववयासी एववखनु पदेसी प्रम्ह समणाणा निग्गधाण पचविहे णाणे पगणतं तजहा आभिणियोहियणाणासुयनाणेउहिना णामण कारे अकवणिजी प्रकरलबणिज शम्ववणिजी मणियिनी वा शुल्क राजदेय भाग भुसयितु कामा शकाती न सम्यक् पन्थानं पृच्छन्ति । एवमेवातु मनित्यादि दाटीतिकयो जना सुगमा, उगइत्यादि । तवाविवचिता शेषविशेषस्य सामान्यरूपस्यानिर्देशस्य रूपादरवगणमवगह। तेहनाबसेखव्यापारीवाणीया तथासस्वनाव्यापारी दांतनाव्यापारी दाण प्रतिभाजता वाईतायकी कानसमड पथपछदू पण दृष्टात प्रदेसी तुहदूपणिवसेख विषय सावायकु नथीसम्पछडकर तेहनिच्चतुझण प्रदेसी मुझन देपीनदाहवुधात्मविपयसकल्पऊपनङ जडामपंधवानिवडू अहीएकनडमूर्पप्रति सेवइइइमूडादिकपाटसर्वहिवडवनमाहिसुपरसीसकाइनाहीतहनिचा प्रदेसी एह पर्थ साचउ बलतुप्रदेसी एइ कहइ छ सावु तिहार पछी ३ प्रदेसी राजा कैसी कुमार श्रमय प्रति एमबोल्या तेहकुण हेभगवन तुम्हनइ ते सामानवज्ञान अथवा दसण वोक्ष जानते वसेवा वबोधजेश जानइ सनद सब माहड एहदु आत्मानद विपद चितित सकल्प ऊपन जाणुवउवसैहा पण देपउ छउ सामान्यपण तिहार पछी तेह केसीकुमार थमण प्रदेसी राजाप्रति इमबोल्या अमुनाथकार निश्चय प्रदेसी अहमाहरि थमचनद निग थन याचे प्रकारे जान कहिउ तेकहछद् मतिज्ञान १ श्रुतिज्ञान २ अवधिमान ३ मनपर्यवधान ४ केवल ज्ञान तेकहनु भतिज्ञान चहदू प्रकारि कहिउ कइइछद्र कादकहीठ विचारणा निस्वयार्थ पावल सम्भालुदु तेहवली अवगृह चिह्न प्रकार कहिउ जिमनदीसूबद कहिउ छ जिम्ज' धारणालगद च्यारदबोलक इवा एतल धावगुष्ठ दहा २ अपाय३ धारणा एह चारबीलपाच द्रा छठउ प्रणेच्यारए २८ मकारिमतिमानजाणदुएनचै मतिजानकर हवै शुतज्ञान मनएनलागुणकरोड़
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
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