SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 178
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ रायपसैगी।' मच्छित्ता मूरिवामदेव करवलयरिग्गहिय सिरसावत्त मत्थए अज लिकटू जएण विजएण वडावेति बहावेत्ता त महत्य महग्ध मह रिह विउल इदाभेसेय उवहवेति ततेण ते सूरिवाम देव चत्तारि सामाणिय साइस्सीतो अग्गमडिसीउ सपरिवाराउ तिणिपरिसाउ मत्त अणियाविणोजाव अपणोविवइवे मूरिवाभ विमाणावामिणो देवाय देवीउ यतेहि समावितेहि विउविएहिय वरकमलपतिद्वापोहि मुरहिवर वारिपडिपुगणोहि चंदणु कवचच्चि एहि प्राविधकठ गुगोहि परमुप्फलविहागोहि सुकुमाल कोमलकरयन्त परिग्गहि एहि अहसएण सोचणियाण कलसाण जाव अट्ठसएण भामे ज्माण कलसाण सम्वोदएहि सबमट्टियादि सम्बतूबहि जाव सव्वोसहि सिद्धत्य तेहिय सन्विटीए जाव सवणाइएण मझ्या महया दूदाभिसेकेण अभिसिचति तएगा तस्स मूरियाभस्स देवस्स मनया मइया दूदाभिसेवेण अभिसिति तएगा तस्स सूरियाभस्स मज्झितवलितं सुइसमहरयत्यन्तरा वणवीहियकरें" इति । प्रासिमुदककटकन सम्मार्जित जिहा मूर्याभनाम विमान जिहा राज्याभिषेक सभा जिहा मूरिसभ देवछद तिहा जाद तिहा जनद मूर्याम देवप्रति विहू हाधिकरीकीधउ मस्तकावत्तमदचणारूप मस्तकाई' भाजली करीने जय विजयसन्डेकरीवहावबधावीनद्रः तेइ मोटउजिहाअर्थ मणिकनकादिमाटीछडप्रज्ञाद जिहा मोटानयोग विस्तीर्ण द्राभिषेकनीसामगी प्रतिभागीरूपद विधारपवीतह मुयाभ देवमति च्यार सहम मामानिकदेवता च्यार अगमहिंपी परिवारमहित वणिपरपदा सातकटक नाधणी जिहालगि अनेरापणि घया सूबाम विमानवासी देवता देवी तणद् भाविककलसद तथावैक्रियकलमद कलसकेहबीछवप्रधानझमलनांवडमणादजिहा मुगघि प्रधान पाणीद प्रतिपूर्ण छद्र बदनचचाड भारीप्यनुछ नहीनष्ट्र कठ रात मूब कमलनउ टाकणउद्र सकमाल करतलि गृहाछदू एकसदसनद आसुवर्णमय कलगन पाणी आठइजातिना एक सहमनगाठ कलसकहवा कलसएकसहयाठमाटीना समस्तपाणी सर्वतीर्य माटीद करी सर्व तुबरसन करी सर्वफूलद सर्वऊपधधाड मरिमवर करी सर्वहिपरिवरसद सबवलद मर्ववाहणद सववाजितवाजन मोटर द्राभिषेक करी अभिपककरदस्तरनकरावर तिवारपीतहन मया भनाः देवनदू माटा मोटा आडवरि'द्राभकरकरी अभिपेककरदस्तानकरीमद तिहारपति नहनद सूवाभनद देवनदः मोट मोटद् आइबरिद्राभिषेककरी वर्तनाथका एक देवता
SR No.007379
Book TitleAgam 13 Upang 02 Rajprashniya Sutra Shwetambar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRai Dhanpatsinh Bahadur
PublisherRai Dhanpatsinh Bahadur
Publication Year1917
Total Pages289
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Conduct, F000, F999, & agam_rajprashniya
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy