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________________ तेरापंथ-मत समीक्षा । ६१ तुम्हारे साधुओंके मलीन कपडोंमें जब शूएं पड़ती है, तब वे निकाल निकाल करके पैरों में पाटे बाँध करके उसमें रखते हैं, तो ऐसा करनेको किस सूत्रमें कहा है ? । ६२ तुम्हारे साधु उष्णकालमें कोरी हांडीमें पानी ठंढा करके पीते हैं, यह किस सूत्रकी आमासे ?।। ___६३ जिन सीमंधरस्वामीके सामने आप लोग क्रिया करते हो, उन सीमंधरस्वामिका नाम, तुम्हारे माने हुए बत्तीस सूत्रों से किस सूत्रमें है ?। __६४ तुम्हारे साधु, स्याही-कलम-कागज पासमें रखते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है ? । ६५ तुम्हारे साधु, तीन २ पात्र रखते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञा है । ६६ तुम्हारे साधु, गृहस्थका बुलावा आनेसे फोरन पात्र उठाकरके जाते हैं और आहार ले आते हैं, यह किस सूपकी आज्ञा है। ६७ तुम्हारे साधु अपने पास बैठ करके सामायिक करनेकी बाधा देते हैं, यह किस सूत्रमें कहा है ?। ६८ तुम्हारे मतके उत्पादक भीखुननी किस गण-कुल संघ (गच्छ ) में हुए हैं, यह प्रमाणके साथ दिखलाओ। १९ तुम्हारे मतके उत्पादक धीसुनजीने, अग्निको बुझानेमें और कसाईको मारनेमें एक जैसा पाप दिखलाया है, यह किस सूत्रके आधारसे ?। ... तुम्हारे साधु, स्त्री-पुरुम इत्यादिके अनेक प्रकारके व रंमी-बेरंगी अपने हास लिख करके पानासे पुढे भरते यह किस सूत्रकी आमा है।
SR No.007295
Book TitleTerapanth Mat Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherAbhaychand Bhagwan Gandhi
Publication Year1915
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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