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________________ तेरापंथ-मत्त समीक्षा। - ३० हाथ पैर साध्वियोंसे धुलवाना यह किस सूत्रमें कहा है। ३१. गृहस्थानियोंके साथ, एकान्तमें बातें करना, यह किस सूत्रकी आज्ञा है । . ३२ तुम्हारे साधु, अपने दरशन करानेकी, गृहस्थोंको बाथा देते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे देते हैं । - ३३ तुम्हारे साधु, पोथी पुस्तक रखते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे ?। ३४ तुम्हारे साधु, पात्रको रंग-रोगन लगाकर रंग-बिरंगी बनाते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे ?। ____३५ तुम्हारे साधु, एफ माससे अधिक रहते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे । - ३६ महाजन (बनिये ) के सिवाय दीक्षा नहीं देना, यह किस सूत्रकी आज्ञासे । - ३७ तुम्हारे साधु, दो दो महीने पहिलेसे चौमासा करनेको कह देते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ?। ३८ तुम्हारे साधु, दवाई लेकरके उसकी फीस गृहस्थोंसे दिलवा देते हैं, यह किस सूत्रके आधारसे ?। - ३९ ओसवालोंके सिवाय, और किसीको पूज्य नहीं बनाते हो, यह किसी सूत्रके आधारसे ? । ४. तुम्हारे साधु भिक्षाके समयके पहिलेसे ही गली-महलोको सूचना करवा देते हैं, यह किस सूत्रकी आज्ञासे ? । ४१ सानियोंसे सूत्र बंचवाते हैं, यह किस सूत्रकी भाज्ञासे ?।
SR No.007295
Book TitleTerapanth Mat Samiksha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVidyavijay
PublisherAbhaychand Bhagwan Gandhi
Publication Year1915
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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