SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 77
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आगम संबंधी साहित्य नन्दी-आदि-सप्तसूत्राणि-गाथा-अकारादि [ज-कार] मुनि दीपरत्नसागरेण पुन: संकलिता नन्दी-आदि गाथा-अकारादिः (आगम-संबंधी-साहित्य) प्रत सूत्राक ८२३* यहां देखीए ACCOCCASTECCORCE ६१८ ६७० दीप क्रमांक के लिए देखीए जइ तिन्नि सम्बगमणं ४ १५७ जइ फुल्ला कणियारया३ जइ ते चित्तं झाणं. ३ १५८४ जइ फुसइ तहिं तुंडं जह ते लिंग पमाणं ११३५ जइ मञ्झ कारणा एए जइत्ता विउले जन्ने ७ २६५% जइ य पडिकमियध्वं जइ दोह एग मिक्खा जइ रित्तो तो दवमत्तगंमि ४ जइ पगई कीस पुणो १०८ जइ लिंगमप्पमाणं ६ ६१४ जइ लुद्धो राइणिओ ४ जइ पुण खद्धपणीए .४ १५२ जइ वासुदेवु पढमो ३ जइ पुण गच्छताणं .३५0जनियर १४६९ जइविय ता पजत्ता ६ जइ पुण निव्वापाए ३ १६१५ जइविय पडिमाउ ३ जइ पुण निव्वाघाओ ४ ६३६ जइवि वयमाइएहिं ... ३ जइ पुण पासवर्ण से ४ २६५+ जइवि सुओ मे होही ६ जइ पुण वचंताणं ४.६४३ जइ संका दोसकरी ६ जइ पुण वियाल पत्ता ४ १९९ जइऽसि भोगे पइ असत्तो ७ १२५५|जइऽसि रूपेण पेसमणो ७ २२५+ जइ सुद्धा संवासो ४ ८०१ जइ सुयनाणस्स उद्देसो २ ६८३ जइ से न जोगहाणी ६ २५३ जइ हुन तस्स अणलो ३ ११३६ जउघरपासायंमि.. . ५६३ जक्खो तहिं तिंदुरुक्खवासी ७ ४३१ जगनिस्सिएहिं भूएहिं ४६७ जश्चजणधाउसमप्पहाण १ १९४७ जच्चिय देहावत्था ७१३ जड्ढे महिसे चारी ५११ जड्डा जंवा तं वा सुकुमारं ४ ५२९ जणणी सव्वत्य विणिच्छएमु ३ ४३७* 'जणलावो परगामे ४ ३६६%* २१७* ३१* । ३९ २३९ 'सवृत्तिक आगम १०९३ १४०+ सुत्ताणि ~77~
SR No.007212
Book TitleNandi Aadi Sootra Gaathaadi Akaaraadi Kram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipratnasagar, Deepratnasagar
PublisherDeepratnasagar
Publication Year2017
Total Pages197
LanguagePrakrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_index
File Size85 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy