SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 24
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ xxii संपादकीय 15. राधनपुर प्रतिमा लेख संदोह, संपादक : मुनि विशालविजयजी, प्रकाशक : यशोविजय जैन ग्रंथमाला, गांधी चौक, भावनगर सन् 1960, पत्र 288, लेख संख्या 486. लेखों का गुजराती अनुवाद दिया हुआ है। 26 मंदिरों का परिचय भी दिया हुआ है। 16. अंचलगच्छीय लेखसंग्रह ( शिलालेख, पाषाणप्रतिमालेख, धातुमूर्तिलेख, ताम्रलेख)। संशोधक और संपादक : श्री पार्श्व, प्रकाशक : श्री अनंतनाथजी महाराज का जैन मंदिर तथा उसका साधारण फंड, मुंबई, सन् 1964, पत्र 26+132. 17. शत्रुंजय गिरिराज एवं शिल्प - स्थापत्यकला में श्रीशत्रुंजय, भाग 1-4, लेखक अने संग्राहक : कंचनसागरसूरि, संपादक : मुनिश्री प्रमोदसागर, प्रकाशक : आगमोद्धारक ग्रंथमाला, ग्रंथांक 60, गुजराती आवृत्ति, सन् 1982, (द्वितीय आवृत्ति), पत्र 25+ 224 + फोटोप्लेट 134 + 116, लेख संख्या 586. अंतिम 116 पत्रों में शिलालेख तथा मूर्तिलेख हैं। धातु प्रतिमाओं के लेख छोटे होते हैं। उनमें तीर्थंकर का नाम, प्रतिष्ठापक आचार्य का नाम, गच्छ तथा प्रतिमा को निर्माण कराने वाले व्यक्ति का नाम, उसकी जाति, गोत्र, ग्राम, कुलनाम एवं उसके परिवार का नाम होता है। इतने ब्यौरे के साथ संवत्, मास, तिथि एवं वार लिखा हुआ होता है। कहीं-कहीं राजा का नाम भी होता है। इन लेखों की भाषा संस्कृत है। परन्तु वह सरलता से समझी जा सके, ऐसी है । इस कारण इन लेखों का अनुवाद करना आवश्यक नहीं प्रतीत हुआ। इन लेखों के परिशिष्ट तैयार करके देने के लिए मैं पूज्यपाद आचार्य देव श्री धर्मधुरन्धर सूरिजी महाराज साहब का अत्यन्त आभारी हूँ। इन लेखों की कच्ची नकल, बी. एल.आई. के भूतपूर्व डायरेक्टर श्री व्ही. एम. कुलकर्णी साहब ने माननीय डॉ० हरिवल्लभ भायाणी साहब के द्वारा मुझे प्राप्त कराई। यह कार्य मुझे सौंपने के लिए मैं, उनका तथा स्व. जौहरीमलजी पारेख का आभार मानता हूँ। यह पुस्तक तैयार करने में अनेक व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त हुआ है। मेरे हाथ से तो केवल संकलन कार्य हुआ है, इसमें जो त्रुटियाँ रह गयी हों, उसका दोष मेरा है। लक्ष्मणभाई ही. भोजक
SR No.007173
Book TitlePatan Jain Dhatu Pratima Lekh Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakshmanbhai H Bhojak
PublisherB L Institute of Indology
Publication Year2002
Total Pages360
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy