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________________ मनीषियों की दृष्टि में : डॉ. भारिल्ल ___ युगान्तरकारी साहित्य के अग्रदूत डॉ. हुकमचन्द भारिल्ल क्या हैं? - एक युग हैं, एक व्यक्ति हैं, एक विद्वान हैं, एक संस्था है, एक शिक्षक हैं, एक गद्यकार हैं, एक पद्यकार हैं, एक प्रवचनकार हैं, एक वक्ता हैं, एक अध्ययनकार हैं, एक क्रांतिकारी हैं, एक शांतिदूत हैं या गुरुदेव के अग्रगण्य दूत हैं। ____ 20वीं सदी गुरुदेव की शताब्दी माना जाती है; क्योंकि उनके समर्थकों में भी एकमात्र वे ही चर्चा का विषय रहते थे और उनके विरोधी भी जितनी चर्चा उनकी करते थे, उतनी अपने आराध्य की भी नहीं करते थे। तत्कालीन समस्त जैन समाचार पत्र-पत्रिकाओं के हर अंक में उन पर लेख, टिप्पणियाँ अवश्य होती थीं, चाहे वे विरोध में हो या समर्थन में। ___ 21वीं सदी में डॉक्टर साहब समस्त दि. जैन समाज के अति चर्चित व्यक्ति रहे हैं। कोई भी पत्र-पत्रिका हो, डॉक्टर साहब को या तो सर्वोच्च अध्यात्म प्रचारक मानती रही है या उन्हें दि. जैन समाज का सबसे बड़ा खलनायक घोषित करती रही है। ___ 21वीं सदी टोडरमल स्मारक से प्रकाशित साहित्य को मंदिरों में या तो नई अलमारियाँ खरीद कर भरा गया है या उस साहित्य को बाहर फैंकने के, नदी में डुबो देने के प्रयास हुए हैं। संपूर्ण दि. जैन समाज को आज भी गुरुदेव या डॉ. भारिल्ल का साहित्य आंदोलित किए हुए हैं। ___ 21वीं सदी का “युगपुरुष" यदि डॉ. भारिल्ल को घोषित किया जाए तो उनके आंतरिक एवं बाहरी विरोधियों को भी स्वीकार्य होना चाहिए। ____डॉक्टर भारिल्ल ने अपने प्रवचनों के माध्यम से, अपनी लेखनी के माध्यम से, अपनी सूझ-बूझ से गुरुदेवश्री के समान ही हजारों गैर दिगम्बरों में दिगम्बर धर्म के लिए आकर्षण पैदा कर दिया, दिगम्बर शास्त्रों को पढ़ने का चाव पैदा कर दिया। उनके हृदय में दिगम्बर धर्म के प्रति आस्था उत्पन्न कर दी, आध्यात्मिकसत्पुरुष पूज्य गुरुदेवश्री के प्रति उन्हें श्रद्धावान
SR No.007144
Book TitleManishiyo Ki Drushti Me Dr Bharilla
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavsaheb Balasaheb Nardekar
PublisherP T S Prakashan Samstha
Publication Year2012
Total Pages36
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size5 MB
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