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________________ कहना। 17- फिर ज्ञान, ध्यान, व्याख्यान, श्रवण, धर्मपुस्तक पठनादि मे सामायिक का काल व्यतित करना / 18- सामायिक का काल खत्म होते ही सामायिक पालने की विधि करना वह इसप्रकार है। अ- इरिआवहि का पाठ ब तस्स उत्तरी का पाठ कायोत्सर्ग करना कायोत्सर्ग मे लोगस्स का पाठ कहना / एक नवकार मंत्र कहकर कायोत्सर्ग पालना। चार ध्यान का पाठ कहना। फिर लोगस्स का पाठ कहना। फिर दाया घुटना नीचे दबा बाया घुटना खडा कर बैठना हाथ जोड नमोत्थुणं दो बार पूरा कहना। सामायिक पारने का पाठ पूर्ण कहना। तीन नमोक्कार मंत्र कहना उठ जाना / - ญ ญ ! ซี 39
SR No.007120
Book TitleSamayik Ek Adhyatmik Prayog
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSubhash Lunkad
PublisherKalpana Lunkad
Publication Year2001
Total Pages60
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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