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________________ नितिन महेता ३३, गोल्डवैल रोड. सूरे, लंदन इग्लैंड प्रिय नितिन, शाकादारवाद को प्रतिपादित करने के लिए आपके प्रयासों की जानकारी आपसे ही प्राप्त कर मुझे बहुत संतोष हुआ है. मुझे प्रसन्नता है कि आज के युवक इस क्षेत्र में उत्साही कार्य कर रहे हैं। यह मेरा दृढ विश्वास है कि यदि हम शाकाहारी समाज को एकजुट करने में सफल रहे तो प्रति वर्ष १,००,००० लोग आसानी से शाकाहारी बन सकते हैं. अधिक से अधिक वैज्ञानिक तथ्यपूर्वक दृष्टि से शाकाहारी भोजन की उत्तमता को साबित करते हुए भोजन का सुगम पथ प्रशस्त कर रहे हैं। पौष्टिकता के लिहाज से सामिष भोजन निम्न स्तर का है। यदि हम प्रोटीन ही ज्यादा मात्रा में प्राप्त करना चाहते हैं तो इसके लिये सोयाबीन एक बेहतर श्रोत है. सामिष भोजन में कोलेस्टराल, विष प्रतिकूलता तथा प्रतिशोधात्मक प्रवृत्ति पात्र मात्रा में पायी जाती है. इस प्रकार के भोजन में विनाशकारक सूक्ष्म धारा का प्रवाह निरंतर होता है....... हमें लोगों को समझाना चाहिए. जब हम शाकाहारवाद को प्रसारित करते हैं तो हमें चाहिए कि हम लोगों को संतुलित व स्वस्थ आहार तैयार करने की विधि भी बताएं. संतुलित आहार की आवश्यकता एवं अल्कोहल, मांस व तंबाकू के कुप्रभावों के बारे में लोगों को बताने के लिए हमें भारतवर्ष जाना चाहिए. कैंसर के साठ प्रतिशत मामलों का कारण है असंतुलित आहार, मद्यपान तथा धूम्रपान करना. चूंकि मैं अमेरिका में रह रहा हूं, अतः यह मेरे लिए संतोष की बात है कि मैं बहुत से शाकाहारियों को जानता हूं. वे लोग न केवल गैर हिंसात्मक तरीके से भोजन करते हैं, बल्कि उन्हें प्राकृतिक खाद्य-पद्धतियों का ज्ञान भी होता है.. स्वास्थ्य देवी देन है. यदि कोई व्यक्ति अस्वस्थ है तो तब उसके लिए पूर्णता प्राप्त करना बहुत.. दुष्कर हो जाता है. भगवान महावीर ने शरीर, मन एवं आत्मा को स्वस्थ रखने के लिए बहुतेरे उपाय किये. अंत में जब उन्हें सर्वज्ञता प्राप्त हुई, तब उन्होंने बताया कि जीवन उद्देश्य है सुस्वास्थ्य, आत्मबोध तथा समाधि. शाकाहारवाद अहिंसा के नीतियों में से एक प्रमुख नीति है. इस महान सिद्धान्त को बढ़ाने के.. लिए मैं अपना सहयोग तथा शुभकामनाएं देता है. हमारा प्रमुख उदेश्य है एक हिंसा विहीन समाज का निर्माण. परम मोक्ष एवं शांति को प्राप्त करने का अहिंसा ही एक मात्र तरीका है. इस तरह शाकाहारवाद के संदेश को फैलाते हुए हम समस्त मनिवमात्र की सेवा कर रहे हैं. नितिन, मेरी आशीर्वाद आपको और आपके सभी ईमानदार साथियों के प्रति है. इस महान उदेश्य की प्राप्ति में आप अवश्य सफल होंगे आशीवाद सहित, आचार्य सुशील कुमार
SR No.007020
Book TitleRequest To Indian People From Vegetarians Of World
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYoung Indian Vegetarians
PublisherYoung Indian Vegetarians
Publication Year1985
Total Pages51
LanguageEnglish
ClassificationBook_English
File Size6 MB
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