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________________ योगनिष्ठ आचार्य श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरेभ्यो नमः श्री प्रतिक्रमण सूत्र सह विवेचन, भाग १ एवं २ के प्रस्तुत प्रकाशन में प्रमुख आर्थिक सहयोगी सच्चारित्र चूडामणि, श्रमणश्रेष्ठ परम पूज्य मुनिराज श्री रविसागरजी म. सा. ने अपने सुयोग्य महाप्रभावक प्रशिष्यरत्न योगनिष्ठ आचार्यदेव श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरजी महाराज को सम्यग्दृष्टि देव श्री घण्टाकर्ण महावीर को प्रत्यक्ष करने की आम्नाय सहित मंत्र दीक्षा प्रदान की थी. अध्यात्म-ज्ञान- दिवाकर, गायकवाड नरेश प्रतिबोधक आचार्यदेव श्रीमद् बुद्धिसागरसूरीश्वरजी महाराज ने उस मंत्र की साधना कर समकिती देव श्री घण्टाकर्ण महावीर को जिस पावन धरा पर प्रत्यक्ष किया था उस पुण्यभूमि 'श्री महुडी तीर्थ' की पेढी श्री महुडी (मधुपुरी) जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट • महुडी की ओर से महासंयमी, तपस्वी मुनिराज श्री रविसागरजी म. सा. के शताब्दी वर्ष की पूर्व वेला में प्रकाशित हो रहे इस गौरवशाली प्रकाशन में प्रमुख आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ है. तदर्थ 'श्री अरुणोदय फाउण्डेशन'- कोबा के ट्रस्टीगण महुडी श्री महुडी (मधुपुरी) जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक ट्रस्ट का अत्यंत आभारी हैं.
SR No.006537
Book TitlePratikramana Sutra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNirvansagar
PublisherArunoday Foundation
Publication Year1997
Total Pages310
LanguageEnglish, Hindi
ClassificationBook_English, Ritual_text, & Ritual
File Size8 MB
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