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________________ अनु. ७० ७१ ७२ ७३ ७४ ७५ ७६ ७७ ७८ ७८ ८० ८१ ८२ ८३ ८४ ८य ८६ ८७ ८८ ८८ ८० ૯૧ ૮૨ विषय ठेवली हो अन्तिम हो शुलध्यान होने का प्रथन सू-७६ यार प्रकार डे शुडलध्यान हे स्थान विशेष डा કે કે नि३पएा सू-७७ पहला जेवं दूसरा शुडलध्यान से संजन्ध में विशेष प्रथन सू-७८ वितर्ड डे स्व३प नि३पासू-७८ पांयवें आल्यन्तर तथ व्युत्सर्ग डे द्रव्य भाव से लेह सेद्विप्राता प्रथन सू-८० साठवां अध्याय निर्भरा हे स्व३प नि३पएा सू-१ निर्भरा हो लेहों प्राथन सू-२ धर्मक्षय लक्षणा निर्भरा हे हेतु प्रथन सू-3 तथ हो प्रकारता डा प्रथन सू-४ अनशन तथ डे हो लेहों प्रा प्रथन सू-4 त्वरित जनेऽविधत्वा नि३पाएा सू-ई अनशन तप वावथि डे हो प्रकार प्राथन सू-७ पाहयोपगमन तथ डे द्वि प्रकारता डा नि३पासू-ट लत् प्रत्याज्यान के हो प्रकारता डा नि३पएा सू-ट अवम हरिडा ऐ स्व३प नि३पएा सू-१० द्रव्यावमोहरिडा के हो लेहों प्रा प्रथन सू-११ उपरा द्रव्यावभोहरिडा से त्रिविध प्रकारता नि३पासू-१२ लत्थान द्रव्यावभोहरिडा से जने विधता प्रा नि३पएा सू-१३ लावावभोहरिजातथा नि३पासू - १४ लिक्षायर्या तथ डे जनेऽविधता प्रा नि३पए सू-१५ रसपरित्यागतथा नि३पासू-१६ डायलेशतप जनेऽ विधत्वा नि३पएा सू-१७ प्रतिसंसीनतातप डे यातुर्विध्य डा नि३पएा सू-१८ શ્રી તત્વાર્થ સૂત્ર : ૨ पाना नं. २०३ २०५ २०६ २०७ ૨૦૮ २११ ૨૧૧ २१४ ૨૧૫ ૨૧૫ ૨૧૬ २१८ २१८ २२० ૨૨૧ २२२ २२३ २२४ ૨૨૬ २२७ २३२ २३४ २३७
SR No.006486
Book TitleTattvartha Part 02 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1973
Total Pages336
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, & Canon
File Size15 MB
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