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________________ अनुभा ૧ २ 3 ४ विषय भुवालिगमसूत्र ला० १ डी विषयानुभा જીવાભિગમસૂત્ર प्रथम प्रतिपत्ति भंगसायरा भवाभिगम के विषयों ही अवतर भवाभवालिगम अध्ययन के प्र३प अवालिगम के स्व३प प्रानि३पा भवालिगम स्व३प प्रानि३पा संसारसभापन्न वालिगमा नि३पा द्विप्रत्यावतार नाभी प्रतिपत्ति का नि३पा शरीराहि तेस द्वारोंडा प्रथन पहला शरीर द्वारा नि३पा 4 ६ ७ ८ ८ १० ૧૧ दूसरा अवगाहना द्वारा नि३पा तीसरा संहनन द्वारा नि३पा चौथा संस्थान द्वारा नि३पा ૧૨ ૧૩ पांचवा प्रषाय द्वारा नि३पा ૧૪ छठा संज्ञाद्वारा नि३पा ૧૫ सातवां लेश्याद्वार डा नि३पा ૧૬ आठवां न्द्रियद्वारा निपा १७ नौवां समुधात द्वारा नि३पा १८ सवां संज्ञिद्वारा नि३पा ૧૯ ग्यारहवां वेद्वारा नि३पा २० जाहरवें पर्याप्तिद्वारा प्रथन ૨૧ भवों से द्रष्टियाहि द्वारों प्राथन २२ तेहरवें द्रष्टिद्वारा प्रथन २३ यौवें दर्शन द्वारा नि३पा पाना नं ૧ २ ४ ८ ૧૨ ૧૫ १७ २० २० २२ २२ २३ २३ २३ २४ ૨૫ ૨૬ २८ २८ ૨૯ ૨૯ ૨૯ ३०
SR No.006443
Book TitleAgam 14 Upang 03 Jivabhigam Sutra Part 01 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year
Total Pages204
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_jivajivabhigam
File Size12 MB
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