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________________ अनु. विषय पाना नं. ५१ पांय प्रष्ठारठे वायनास्थानछा नि३पाया ५२ नारठाहिठोंठे यथावस्थित भावोंष्ठा नि३पारा ५3 अभ्ज्यूद्वीप आहिडे यथास्थित भावोंठा नि३पारा ५४ भरतक्षेत्र में स्थित तीर्थंडरोंठा नि३पा ५५ क्षेत्रभूत यभरयंयाहिठा नि३पारा ૧૧૦ ૧૧૨ ૧૧૩ ૧૧૩ ૧૧૪ छठा स्थान प्रारंभ ૧૨૧ ૧૨૨ ૧૨૯ ५६ छठे स्थानष्ठा विषय विवरण ૧૧૬ ५७ गाघरोंठे गुराठा नि३पारा ૧૧૬ ५८ विनाज्ञाष्ठा अविराधष्ठपनेठा नि३पारा ૧૧૮ ५८ छमस्थोंठे स्व३पठा नि३पा ૧૨૦ ६० छवठो अछव उरनेठा छह प्रष्ठारताप्छा नि३पारा ६१ संसारिवठा नि३पा ६२ छवोंठे हुर्लभ पर्याय विशेषष्ठा नि३पारा १२४ ६3 छन्द्रियार्थो ठेछ प्रष्ठारठा नि३पारा ૧૨૬ ६४ साता और ससाताठे षऽविधताठा नि३पारा ૧૨૭ ६५ छह प्रष्ठारठे प्रायश्चितोंठा नि३पारा ૧૨૮ ६६ छह भ्रष्टारछे भनुष्य आEिठोंष्ठा नि३पारा ૧૨૮ ६७ छह प्रष्ठार ऋद्विालोंठा नि३पारा ६८ उत्सर्पिीशी ठामें भ्यूद्वीप डे भनुष्यठे प्रभाठा नि३पारा १३० ६८ छह प्रष्ठार संहननष्ठा नि३पा ૧૩૧ ७० छह प्रष्ठार संस्थानठा नि३पा ૧૩૨ ७१ सनात्भावालेछवोंछो अहित हरनेवाले छह स्थानोंछा नि३पारा ૧૩૪ ७२ छ प्रष्ठार आर्य भनुष्योंष्ठा नि३पाया ૧૩૫ ७3 लोऽस्थितिष्ठा नि३पा ૧૩૬ ७४ छवोंष्ठी गति और हिशाओंठा नि३पाया ૧૩૭ ७५ संयत भनुष्योंठे आहारग्रहरा और आहारछा ग्रहारा नहीं उरनेठा नि३पा १४० ७६ उन्भास्थानष्ठा नि३पारा ૧૪૧ ७७ छठ प्रष्ठारठे प्रभाठा नि३पा ૧૪૨ श्री. स्थानां। सूत्र :०४
SR No.006412
Book TitleAgam 03 Ang 03 Sthanang Sutra Part 04 Sthanakvasi Gujarati
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1965
Total Pages316
LanguageGujarati
ClassificationBook_Gujarati, Agam, Canon, & agam_sthanang
File Size13 MB
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