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________________ १७१ शानचन्द्रिकाटीका-शानभेदाः। मूलम्-जइ संजयसमदिहि-पज्जत्तग-संखेजवासाउय-कम्मभूमिय-गब्भवक्कंतिय मणुस्साणं उप्पज्जइ, किं पमत्तसंजयसम्मदिहि-पज्जत्तग-संखेज्जवासाउय-कम्मभूमिय-गब्भवक्कंतिय-मणुस्साणं ? अपमत्तसंजय - सम्मदिहि-पज्जत्तगसंखेज्जवासाउय - कम्मभूमिय-गब्भवक्कंतिय--मणुस्साणं?, गोयमा ! अपमत्तसंजय-सम्मदिहि-पज्जत्तग-संखेजवासाउयकम्मभूमिय-गब्भवतिय-मणुस्साणं उपजइ, नो पमत्तसंजय. सम्मदिहि-पजत्तग-संखेजवासाउय -कम्मभूमिय-गब्भवक्कंतियमणुस्साणं ॥ छाया-यदि संयतसम्यग्दृष्टि-पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिज-गर्भव्युक्रान्तिक-मनुष्याणामुत्पद्यते, किं प्रमत्तसंयतसम्यग्दृष्टि-पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क -कर्मभूमिज-गर्भव्युत्क्रान्तिक-मनुष्याणाम् ?, अप्रमत्तसंयत-सम्यग्दृष्टि-पर्याप्तकसंख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिज-गर्भव्युत्क्रान्तिक-मनुष्याणाम् ? गौतम ! अप्रमत्त-संयत सम्यग्दृष्टि-पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिज-गर्भव्युत्क्रान्तिक मनुष्याणामुत्पद्यते, नो प्रमत्त-संयत-सम्यग्दृष्टि-पर्याप्तक-संख्येयवर्षायुष्क-कर्मभूमिज-गर्भव्युत्क्रान्तिकमनुष्याणाम् ॥ ____टीका-'जइ संजय-सम्मदिट्ठि ' इत्यादि । व्याख्या निगदसिद्धा । नवरंप्रमत्तसंयताः-प्रमाद्यन्ति-मोहनीयादिकर्मप्रभावतः संज्वलन कषायनिद्राद्यन्यतमप्रमादयोगतः संयमयोगेषु सीदन्तीति प्रमत्ताः, 'कर्तरिक्तः,' प्रमत्ताश्च ते संयताः प्रमत्त 'जइ संजयसम्मद्दिष्टि०' इत्यादि। फिर गौतम पूछते हैं-हे भदन्त ! यदि मनःपर्ययज्ञान संयत सम्यग्दृष्टि मनुष्यों को होता है जैसा कि ऊपर आपने कहा है कि जो मनुष्य पर्याप्तक हैं, संख्यातवर्ष की आयुवाला है, कर्मभूमि में जन्मा है और गर्भ से उत्पन्न हुआ है ऐसे सकलसंयमी सम्यग्दृष्टि मनुष्य " जइ संजयसम्मदिढि छत्याहि वजी गौतम ५छे छे-“ महन्त! मन:५य यज्ञान सयत-सभ्य:દષ્ટિ મનુષ્યને થાય છે જેમ કે આપે ઉપર કહ્યું કે જે મનુષ્યો પર્યાપક છે, સંખ્યાત વર્ષનાં આયુષ્યવાળા છે, કર્મભૂમિમાં જન્મ્યાં છે, અને ગર્ભમાંથી ઉત્પન થયાં છે એવાં સકળસંયમી સમ્યગદષ્ટિ મનુષ્યોને મન પર્યયજ્ઞાન થાય શ્રી નન્દી સૂત્ર
SR No.006373
Book TitleAgam 31 Chulika 01 Nandi Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1958
Total Pages933
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_nandisutra
File Size49 MB
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