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________________ १९ गमन को आश्रित करके परतीर्थिकों के मत का निरूपण २० छद्मस्थ जनों के द्विपदेशादि स्कंध के ज्ञान का निरूपण नव उद्देशा २१ भव्यद्रव्य नारक आदि का निरूपण दशवां उद्देशा २२ भव्यद्रव्य देवरूप अनगार का निरूपण २३ अवगाहना का स्पर्शनालक्षण पर्यायान्तर से २४ पुलों के वर्णादित्व का निरूपण २५ द्रव्यधर्म विशेष का और आत्मद्रव्य का निरूपण २६ वस्तुतत्व का निरूपण २७ उद्देशार्थ संग्राहक गाथा का कथन २८ लेश्या के स्वरूप का निरूपण ર उन्नीसवें शतक का पहला उद्देशा दूसरा उद्देशा २९ श्यावालों का निरूपण तीसरा उद्देशा ३० लेश्वावान् पृथ्वीका यिक आदि जीवों का निरूपण ३१ जघन्य उत्कृष्ट अवगाहना के अल्पबहुत्व का निरूपण ३२ पृथ्वीकायिकों के सूक्ष्मत्व का निरूपण ३३ पृथ्वीकायिकों के अवगाहना प्रमाण का निरूपण चौथा उद्देशा ३४ नारकादिकों के महावेदनावत्व का निरूपण શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૩ परमाणु आदि का कथन २१६-२२१ २२२-२२५ २२६-२५८ २५८- २७५ पांचवां उद्देशा ३५ नारकादिकों के चरम परमपने का निरूपण ३६ वेदना के स्वरूप का निरूपण १६१-१७८ १७९-१९३ १९४-२१० २११-२१५ २७६-२७८ २७९-२८४ २८५-२८९ २९०-३२३ ३२४-३४० ३४१-३५२ ३५३-३६६ ३६७-३८२ ३८४–३९३ ३९४-३९७
SR No.006327
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 13 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1969
Total Pages970
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size58 MB
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