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________________ प्रमेयन्द्रिका टीका श० १२ स०४ सू० १ परमाणुपुद्गलनिरूपणम् ३ नैरयिकाणां पृथिवीकायिकत्वावस्थायाम् औदारिकपुद्गलपरावर्तमरूपणम् , औदारिकपुद्गलपरावर्तस्य हेतुस्वरूपनिरूपणम् , औदारिकपुद्गलपरावर्तस्य निष्पनि कालनिरूपणम् , औदारिकपुद्गलपरावर्तकालस्य अल्पबद्दुत्वादिकमरूपणम् , पुल परावर्तस्य अल्पबहुत्वादिकप्ररूपणंच । पुद्गलवक्तव्यताप्रस्तावः मूलम्-रायगिहे जाव एवं वयासी-दोभंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, एगयओसाहणित्ता किं भवइ ? गोयमा! दुप्पएसिए खंधे भवइ से भिन्जमाणे दुहा कजइ, एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ परमाणुपोग्गले भवइ। तिन्नि भंते! परमाणुपोग्गला एगयओ साहन्नंति, एगयओ साहण्णित्ता किं भवइ ? गोयमा! तिपएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहा वितिहा वि, कजइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कज्जमाणे पोग्गला भवंति। चत्तारि भंते! परमाणुपोग्गला पगयओ साहन्नंति, जाव पुच्छा, गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ, से भिज्जमाणे दुहा वि, तिहा वि, चउहा वि कज्जइ, दुहा कज्जमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले, एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो इस प्रश्न का उत्तर नैरयिक के पृथिवीकायिक की अवस्था में औदारिक पुद्गलपरावर्त का प्ररूपण औदारिक पुद्गलपरावर्त के हेतु के स्वरूप निरू पण औदारिकपुद्गलपरावर्त की निष्पत्ति के काल का निरूपण, औदा. रिक पुद्गल परावर्त काल के अल्प यहुत्यादिक का प्ररूपण, पुद्गलपरावंत के अल्पबहुत्वादिक का प्ररूपण। રિક પુલપરાવર્તની પ્રરૂપણા-દારિક પુલપરાવર્તના હેતુના સ્વરૂપનું નિરૂપણઔદારિક પુલપરાવર્તની નિષ્પત્તિના કાળનું નિરૂપણુ-દારિક પદલપરાવર્તકાળના અ૫હત્વ આદિનું કથન-પુલપરાવર્તન અલ્પબહુ આદિની પ્રરૂપણ. શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૦
SR No.006324
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 10 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages735
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size43 MB
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