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________________ आठवें उद्देशे का प्रारंभ १९ आठवें उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण २७८२० प्रकारान्तर से जीवों की उत्पत्ती का निरूपण २७९-२८५ २१ तिर्यग्योनि विशेष का निरूपण २८६-२९२ नववां उद्देशा २२ नववे उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण २९३-२९५ २३ देवों के प्रकार का निरूपण २९६-३०३ २४ देवों की उत्पत्ति का निरूपण ३०४-३१८ २५ भव्य देवादि की स्थिति का निरूपण ३१९-३२३ २६ भव्यद्रव्य देवादि विकुर्वणा का निरूपण ३२४-३२८ २७ भव्यद्रव्यदेवादि की उद्वर्तना का निरूपण ३२९-३४८ २८ भावदेव विशेष के अल्पबहुत्व का निरूपण ३४९-३५२ दशवे उद्देशे का प्रारंभ २९ दशवें उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण ३५३-३५४ ३० आत्मस्वरूप का निरूपण ३५५-३९० ३१ रत्नप्रभादि पृथ्विसंबन्धी विशेष निरूपण ३९१-४४८ तेरहवें शतक के पहेला उद्देशा ३२ तेरहवें शतक के पहले उद्देशे का संक्षिप्त विषयविवरण ४४९-४५० ३३ तेरहवें शतक के उद्देशार्थ संग्रह ३४ पृथिव्यादि का निरूपण ४५२-४७४ ३५ रत्नप्रभा आदि पृथ्वीयो के नरकावासों का निरूपण ४७५-४८३ ३६ रत्नप्रभा आदि पृथ्वीयों के नैरयिकों के उत्पात आदि का निरूपण ४८४-४८८ ३७ शर्कराप्रभा आदि पृथ्वीयों के नरकावास आदि का निरूपण ४८९-५०० ३८ रत्नप्रभा पृथ्वी में नैरयिकों के उत्पात आदि का कथन ५०१-५०८ ३९ नारकों की लेश्याओं का निरूपण ५०९-५१४ શ્રી ભગવતી સૂત્ર : ૧૦
SR No.006324
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Part 10 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGhasilal Maharaj
PublisherA B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
Publication Year1967
Total Pages735
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, & agam_bhagwati
File Size43 MB
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