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________________ आनन्द उत्पत्र पदार्थों ___पृष्ट ओटी अशुद्ध शुद्ध पृष्ट ओली अशुद्ध ३६१ २, १३५५, ७अनन्द ३५२ ६अशवण आश्रव ३५५ ७ उन्पन्न ३५२ ९क्षयिक क्षायिक ३५७१६ समग्री सामग्री ३५२ १०कार्म | कर्म ३५८ ५पदार्था ३५८ ९बनाता बनता है ३५३, इन्द्र इन्द्री । २ उत्यत्र उत्पन्न ३५३ ९मसन्दूत असभ्दूत्त । ___ इन सिवाय और भी हस्व, दी, पद वाक्य, विन्दू, अक्षर. और वि. रमो (चिन्हो) की भी बहुत सी खोटों रहगइ है, तैसेही भाषाकी भी गडबड होगइ है, इस लिये पाठक गणों से नम्र विज्ञप्ती-विनती हैं कि रद्ध करके पढीये, और 3. शुद्धता की तर्फ रक्ष न देते, अ शय पे लक्ष दार्ज ये और गुणही गुणको ग्रहण काज,ये. तो अवस्यही लाभ प्राप्त करागे. विज्ञेबु-कमधिकं अमोल खऋषि
SR No.006299
Book TitleDhyan Kalptaru
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherKundanmal Ghummarmal Seth
Publication Year
Total Pages388
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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