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________________ महावीर स्वामी जनमियाजी, महावीर स्वामी जनम्या, बड़ो उपकार तो, भलो उपकार तो, ज्यां देवा मेरू कंपावियाजी ॥५॥ ॥ तारा ॥ (तर्ज- सहेलियाँ ए आंबो मोरियो ) सहेलियां ए तारो ऊगियो, ओ तो ऊगियो ओ वनिता रे गांय के, सहेलियां ए तारो ऊगियो ॥ १ ॥ जठे जनमिया ओ आदिनाथ देव के ॥ सहेलियां ||२|| जनम्या रा हर्ष बधावना, संयम रा लाड़ न कोड || ३ || सहेलियां ए तारो ऊगियो, ओ तो ऊगियो ओ हस्तिनापुर रे मांय के, सहेलियां ए तारो ऊगियो ||४|| जठे जनम्या ओ शान्तिनाथ देव के ॥ सहेलियां ||५|| जनम्या रा हर्ष बधावना, संयम श प्रभु लाड़ न कोड || ६ || सहेलियां ए तारो ऊगियो, ओ तो ऊगियो ओ शोरियापुरी रे मांय के, सहेलियां ए तारो ऊंगियो ||७|| जठे जनम्या ओ नेमीनाथ देव के ॥ सहेलियां ॥ ८ ॥ जनम्या रा हर्ष बधा वना, संयम रा प्रभु लाड न कोड || ९ || सहेलियां ए तारो ऊगियो, ओ तो ऊगियो ओ बणारसी रे मांय के, सहेलियां ए तारो ऊगियो ||१०|| जठे जनम्या ओ पार्श्व. नाथ देव के ॥ सहेलियां ॥ ११ ॥ जनम्या रा हर्ष बधावना, 26
SR No.006295
Book TitleSwarna Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherPannalal Jamnalal Ramlal
Publication Year
Total Pages214
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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