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________________ ललियंगरियं २२. सज्जन ने कृत्रिम स्नेह दिखाते हुए कपट पूर्वक यह कहा २३-२४. जब मैंने सुना राजा ने तुम्हें देशाटन का आदेश दिया है तब मेरे मन में भी शीघ्र देशाटन करने की उत्सुकता हुई। अतः मैं तेरे साथ आ गया । दूसरा कोई कारण नहीं है। . २५. देशाटन से नये अनुभव बढ़ते हैं, नवीन लोगों का संपर्क होता है और नये गांवों का दर्शन होता है। २६. देशाटन से नई भाषा, नये नगर और नई संस्कृति का दर्शन होता है। अतः देशाटन सुखप्रद है। २७. देशाटन से प्रकृति का दर्शन होता है । हृदय निर्भीक होता है और बुद्धि की स्फुरणा होती है । अतः देशाटन सुखप्रद है। २८. उस मायावी के वचन को सुनकर कुमार मन में हर्षित हुआ। क्योंकि वह मित्र के कार्यों को नहीं जानता था। २९. उसने मित्र से कहा-तुमने बहुत अच्छा किया। तुम्हारे सहवास से मेरी यात्रा सुखद होगी । ३०. अकेला व्यक्ति किसके साथ बात करे और किसके साथ क्रीडा करे । जाते हुए अकेले व्यक्ति की कष्टों से कौन रक्षा करे ? ३१. अकेले व्यक्ति को मार्ग में नहीं जाना चाहिए-इस नीति वचन का भी तुम्हारे आगमन से उल्लंघन नहीं होगा। ३२. कुछ पाथेय खाकर वे दोनों आगे चले। रास्ते में कुमार ने सज्जन से कहा३३. कोई बात करो जिससे रास्ता अच्छी तरह से कट जाये । उसका कथन सुनकर सज्जन ने पूछा
SR No.006276
Book TitlePaia Padibimbo
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVimalmuni
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year1998
Total Pages170
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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