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________________ 81548 महामन्त्र णमोकार : एक वैज्ञानिक अन्वेषण एकान्त में, रात्रि के समय भय की परीक्षा हेतु मैंने इस मन्त्र का ध्यानमनन- चिन्तन किया । परिणामस्वरूप मैंने अपार निर्भयता और शान्ति का अनुभव किया । 1 एक बार मेरे कमरे के पास एक कुत्ता मरणासन्न था, छटपटा रहा था, एक श्रावक ने मुझे बुलाया। मैंने उस कुत्ते के कान में 10 मिनट तक मन्त्रोच्चार किया, उस मरणासन्न कुत्ते की आंखें खुल गयीं । कुत्ता स्वस्थ होकर भाग गया । इसी प्रकार 10-11 वर्षीय बालक को 105-106 डिग्री बुखार था । *डाक्टर यह कहकर चले गए कि अब यह कुछ घण्टों का ही मेहमान है । मुझे मालूम हुआ । मैंने उस बच्चे के सिर पर हाथ फेरा, साथ ही बीस मिनट तक णमोकार मन्त्र का उच्चारण उसके कान में धीरे-धीरे करता रहा । वालक सहसा हंसने लगा। बच्चे का बुखार सहसा उतर गया । डाक्टर आश्चर्य में पड़ गये । 6. एकाग्रता और शान्ति की प्राप्ति - णमोकार मन्त्र के जाप से मुझे प्रायः एकाग्रता प्राप्त होती है । शान्ति भी, लेकिन वह कभी-कभी यन्त्रवत् होती है । मैंने इस मन्त्र का जाप रोग में, विपत्ति के समय, . कभी-कभी गलत काम करने से उत्पन्न भय, बदनामी को टालने के लिए भी संकट के समय किया है जिसका फल निकला है - अब भविष्य में ऐसा काम नहीं करें । दो विचित्र एवं विपरीत अनुभव - 7. विघ्न निवारण इसका उद्देश्य नहीं-मन्त्रोच्चार के क्षणों में मैं एकाग्रता चाहता हूं, पर मन अपना काम करता है और जीभ अपना काम करती है। दोनों में ताल-मेल नहीं रहता । विघ्नं बाधा, अस्वास्थ्य आदि के निवारण के उद्देश्य से मैंने कभी इसका जाप नहीं किया । इस मन्त्र का यह उद्देश्य है । — डॉ देवेन्द्र कुमार जैन (55 वर्ष) इन्दौर 8. दिशा दर्शन -- इस मन्त्र के जाप से एकाग्रता और शान्ति का 'अनुभव होता है। हर कठिन परिस्थिति में यही सहारा रहा है । इससे मनोबल बढ़ा है। परिणाम की मन्त्र जाप से अपेक्षा नहीं की, क्योंकि यह दृढ़ विश्वास है कि सुख-दुःख पूर्व जनित कर्मों का फल है और वह. भोगना ही है । इसके स्मरण से शान्ति के परिणामस्वरूप कार्य करने
SR No.006271
Book TitleMahamantra Namokar Vaigyanik Anveshan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRavindra Jain
PublisherMegh Prakashan
Publication Year2000
Total Pages234
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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