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स्नेहार्पण
इस युग के आदि कर्ता प्रभुवर ने
व्यवहार-निश्चय का ज्ञान दिया | कर्म की अनंत श्रृंखलाओं को
तप के द्वारा क्षीण किया ।। सिद्धाचल सा तीर्थ मनोहर
जिनसे जाना पहचाना जाता । प्रभु पद चिह्नों का अनुगमन कर
अवि जीव वहाँ दौड़ा आता ।। ऐसे तपोमार्ग के संवाहक, युगल परम्परा निवारक,
असि-मसि-कृषि के प्रवर्तक, युगादिकर्ता आदिनाथ दादा के चरण युगलों में
सर्वात्मना समर्पित