SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 496
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 430... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन 101. उपाय पारमिता मुद्रा यह मुद्रा गर्भधातु मण्डल से सम्बन्धित है। शेष वर्णन पूर्ववत । विधि दोनों हथेलियों को शरीर की दिशा में करके अंगूठों को भीतर मोड़ें, मध्यमा और अनामिका अंगूठे पर मुड़ी हुई रहें तथा उभय हाथों की तर्जनी एवं कनिष्ठिका के अग्रभाग आपस में संलग्न रहने पर उपाय पारमिता मुद्रा बनती है। 120 उपाय पारमिता मुद्रा सुपरिणाम • उपाय पारमिता मुद्रा की साधना अग्नि एवं वायु तत्त्व में संतुलन प्रस्थापित करते हुए स्नायुतंत्र की स्थिति स्थापकता बनाए रखती है विचार शक्ति में सहायक बनती है और त्वचा एवं दृष्टि सम्बन्धी विकारों को दूर करती है। · मणिपुर एवं विशुद्धि चक्र को प्रभावित करते हुए यह मुद्रा मनोविकारों का शमन एवं परमार्थ रूचि का वर्धन करती है, अतिन्द्रिय क्षमता के प्रसुप्त बीजांकुरों को प्रस्फुटित करती है तथा अचेतन मन एवं चित्त संस्थान को प्रभावित करती है। • तैजस एवं विशुद्धि केन्द्र को करते हुए उच्चतर चेतना और आत्मिक शक्तियों के विकास में उपयोगी है। • एड्रिनल, पेन्क्रियाज,
SR No.006256
Book TitleBauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy