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________________ 380... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन चेतना का पोषण करती है। सहस्रार एवं आज्ञा चक्र को प्रभावित कर यह मुद्रा ग्रंथि तंत्र के संचालन में सहायक बनती हैं। मस्तिष्क में मेरूजल का संचालन एवं कामेच्छा का नियमन करती है तथा शारीरिक, मानसिक और बौद्धिक विकास में सहायक बनती है। • एक्युप्रेशर टेक्नॉलोजी के अनुसार यह मुद्रा निर्णायक शक्ति, स्मरण शक्ति और देखने सुनने की शक्ति का नियमन करती है तथा अन्य ग्रंथियों के कार्य का भी संचालन करती है। द्वितीय विधि बायाँ हाथ मध्य भाग में, तर्जनी एवं मध्यमा ऊपर की तरफ, दायां हाथ बाहर की तरफ तथा मध्यमा एवं तर्जनी बाएँ हाथ के मुड़े हुए अंगूठे, कनिष्ठिका एवं अनामिका के भीतर डालने पर दूसरे प्रकार की खड्ग मुद्रा बनती है। खड्ग मुद्रा-2 सुपरिणाम • इस मुद्रा के प्रयोग से वायु तत्त्व संतुलित रहता है। यह हृदय, फेफड़ें और गुर्दे के कार्यों का नियमन करते हुए प्राण वायु को स्थिर एवं स्मरण शक्ति
SR No.006256
Book TitleBauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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