SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 293
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ जापानी बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक स्वरूप ...227 कर्म - आकाशगर्भ मुद्रा के लिए स्थान देता है। अतः यह अन्य तत्त्वों का भी संतुलन करता है। • आज्ञा चक्र एवं सहस्रार चक्र को जागृत करते हुए यह मुद्रा संकल्प - विकल्पमय अवस्था, संशय आदि का निवारण कर परम यथार्थ ज्ञान की उपलब्धि करवाती है। • एक्युप्रेशर पद्धति के अनुसार यह मुद्रा मनोबल, निर्णायक शक्ति, स्मरण शक्ति आदि का वर्धन करती है। इस मुद्रा प्रयोग से व्यक्ति बुद्धिशाली, लेखक, कंवि, वैज्ञानिक, तत्त्वज्ञानी बनता है। साधक में अनेक दिव्य गुणों एवं आंतरिक ज्ञान की उत्पत्ति होती है। 43. कटक मुद्रा मुद्राविज्ञान में कटक मुद्रा के पाँच प्रकार वर्णित हैं उनमें अंतिम प्रकार जापान और चीन देश की बौद्ध परम्परा में अपनाया जाता है, शेष हिन्दू एवं नाट्य परम्परा से सम्बन्धित हैं। कटक शब्द के कई अर्थ हैं। यहाँ उसका अर्थ है किसी के माध्यम से खुलना । इसका स्पष्ट अभिप्राय अज्ञात है।
SR No.006256
Book TitleBauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy