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________________ 110... बौद्ध परम्परा में प्रचलित मुद्राओं का रहस्यात्मक परिशीलन अनुभव होता है, मानसिक एकाग्रता में वृद्धि होती है तथा स्नायुतंत्र मजबूत बनता है। • मणिपुर एवं विशुद्धि चक्र को जागृत करते हुए यह मानसिक एवं चैतसिक शान्ति प्रदान करती है। आन्तरिक ज्ञान, कवित्व शक्ति, निरोगी अवस्था आदि में विकास कर पाचन सम्बन्धी गड़बड़ियों को दूर करती है। • तैजस एवं विशद्धि केन्द्र को सक्रिय कर यह मुद्रा बाह्य एवं आन्तरिक कान्ति में वृद्धि, क्षमता एवं सामर्थ्य का विकास, जीवन का निर्मलीकरण एवं उदात्तीकरण करती है। 2. पद्म कुंजर मुद्रा बौद्ध परम्परा में प्रचलित यह मुद्रा आठ मांगलिक चिह्नों में से एक है। यह उत्तम कमल की सूचक है। यह चिह्न किसी दिव्य अतिथि को अथवा देवीदेवताओं की पूजा करते समय उन्हें अर्पण किया जाता है। दोनों हाथों में समान मुद्रा होती है। विधि पद्म कुंजर मुद्रा हथेलियों को मध्यभाग में रखते हुए तर्जनी, मध्यमा और कनिष्ठिका
SR No.006256
Book TitleBauddh Parampara Me Prachalit Mudraoka Rahasyatmak parishilan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages540
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size30 MB
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