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________________ परिशिष्ट ... 661 समान होता है, गुम्बज की ऊँचाई में रुपकण्ट के ऊपर की थर | गजथर : गजों की पंक्ति गजपृष्ठाकृति : अर्धवृत्ताकार, गजपृष्ठ के आकार का मन्दिर । गजधर : देवालय एवं भवन निर्माता शिल्पी | गंडान्त गर्भकोष्ठ गर्भगृह गव्हर गुण गूढ़ मण्डप गृह गेह गोपुर ग्रास पट्टी ग्रन्थि ग्रास ग्रीवा ग्रीवा पीठ गूमट घट घण्टा घण्टिका घट पल्लव चतुर्मुख चतुःशाल : तिथि, नक्षत्र आदि की संधि का समय। : गर्भगृह का भीतरी भाग । : मन्दिर का मूल भाग, गर्भ गर्भालय, गेह । : गुफा : रस्सी, डोरी। : गूढ़, दीवार वाला मंडप । : मकान, घर, भवन, आलय । : गर्भगृह । : किला के द्वार के ऊपर का गृह, मुख्य द्वार, प्रासाद के अग्रभाग में किले का सुन्दर दरवाजा । : कीर्ति मुखों की पंक्ति, ग्रास के मुख वाला दासा। : गांठ : जलचर प्राणी विशेष : शिखर का स्कंध और आमलसार के बीच का भाग, मुख्य शिखर के नीचे का भाग। : कलश के नीचे का गला : घण्टा, मन्दिर के ऊपर की छत । : कलश, आमलसार। : कलश, आमलसार, गूमट। : छोटी आमलसारिका, संवरणा के कलश । : पल्लवांकित घट की डिजाइन। : चौमुख, सर्वतोभद्र, मंदिर का ऐसा प्रकार जो चारों दिशाओं में खुला होता है। : घर के चारों तरफ का दालान ।
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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