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________________ 376... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन प्रतिष्ठा के दिन सुबह एक थाली बाकुला उबलवाएं। उसमें लापसी, वघारे गये चावल, खीर, सादा चावल, सेव की बरेज, मालपूआ, चने के मसाले वाले मालपुए, उड़द के बड़े आदि एवं सुपारी, खारक, नारियल के टुकड़े, पीसी हुई शक्कर, घी आदि डालने चाहिए। उसके ऊपर नागरवेल के पत्ते और फूल रखने चाहिए। उस बाकुला को भूतबलि मंत्र से तीन बार अभिमंत्रित करें। भूतबलि मन्त्र ॐ नमो अरिहंताणं, ॐ नमो सिद्धाणं, ॐ नमो आयरियाणं, ॐ नमो उवज्झायाणं, ॐ नमो लोए सव्वसाहूणं, ॐ नमो आगासगामीणं, ॐ नमो चारणाइलद्धीणं। जे इमे किन्नर-किंपुरिस-महोरग-गरुल-सिद्धगंधव्व-जक्ख-रक्खस-पिसाय-भूय-पेय-साइणि-डाइणिप्पभिइओ जिणघरनिवासिणो नियनियनिलयठिया पवियारिणो सन्निहिया असन्निहिया य ते सव्वे इमं विलेवण-धूव-पूष्फ-फल-पईव-सणाहं बलिं पडिच्छंता, तुढिकरा भवन्तु, सिवंकरा भवन्तु, संतिकरा भवन्तु, सुत्थं जणं कुव्वंतु, सव्वन्निणाणं सत्रिहाणपभावओ पसन्नभावत्तणेण सव्वत्थ रक्खं कुणंतु, सव्वत्थ दुरियाणि नासंतु, सव्वासिवमुवसमंतु, संति-तुट्ठि-पुट्ठि-सिवसुत्थयणकारिणो भवन्तु स्वाहा। बाकुला प्रदान- बाकुला अभिमंत्रित करने के पश्चात जिनमंदिर के बाहर दाहिनी तरफ अथवा छत के ऊपर जाकर दसों दिशाओं के दिक्पालों को अनुक्रमशः अर्पित करें। एक व्यक्ति बाकुला दें, एक पानी का कलश, एक धूपदीप और एक व्यक्ति केसर-पुष्प-सुपारी चढ़ाएं। एक घंटा बजाएं, एक दर्पण धारण करें और एक चामर ढुलाएं। पूर्व दिशा में- ॐ नमः इन्द्राय पूर्वदिगधिष्ठायकाय ऐरावणवाहनाय सहस्रनेत्राय वज्रायुधाय सपरिजनाय अस्मिन् जम्बूद्वीपे...श्रीसङ्घकारिते । व्यक्ति...... कारिते जिनबिम्बप्रतिष्ठाविधिमहोत्सवे, ध्वजदण्डकलशप्रतिष्ठा, देव-देवी प्रतिष्ठा, गुरु मूर्ति प्रतिष्ठाविधिमहोत्सवे आगच्छआगच्छ पूजां बलिं गृहाण-गृहाण शान्तिकरा भवन्तु, तुष्टिकरा भवन्तु, पुष्टिकरा भवन्तु, शिवङ्करा भवन्तु स्वाहा। ___ अग्नि कोण में- ॐ नम अग्नये शक्तिहस्ताय मेषवाहनाय सपरिजनाय अस्मिन् जम्बूद्वीपे...... श्री सङ्घकारिते । व्यक्ति...... कारिते
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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