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________________ 296... प्रतिष्ठा विधि का मौलिक विवेचन वृद्धस्नात्रमहोत्सवे आगच्छ आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से सूर्य की स्थापना करें। 'अत्र तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा' फिर निम्न मंत्रों से सूर्य ग्रह की अष्ट प्रकारी पूजा करें। 1. ॐ नमः आदित्याय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय चन्दनगन्धादिकं समर्पयामि स्वाहा -केसर पूजा करें। 2. पुष्पं समर्पयामि स्वाहा -लाल कनेर के पुष्प चढ़ायें। 3. वस्त्रं समर्पयामि स्वाहा -लाल रेशमी वस्त्र चढ़ायें। 4. फलं समर्पयामि स्वाहा -द्राक्ष चढ़ायें। 5. धूप माघ्रापयामि -धूप दिखायें। . 6. दीपं दर्शयामि स्वाहा -दीपक दिखायें। 7. नैवेद्यं समर्पयामि स्वाहा -चूरमा अथवा गेहूँ के लड्डू चढ़ायें। 8. अक्षतं तांबूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा -पान, लाल अक्षत, लाल सुपारी, पैसा, लोंग, इलायची आदि चढ़ायें। फिर लाल माला से 108 बार निम्न मंत्र का जाप करें। ॐ सूर्याय नमः फिर निम्न मंत्र को तीन बार कहते हुए तीन बार सूर्य ग्रह को अर्घ्य दें ॐ ह्रीं रत्नाङ्कसूर्याय सहस्रकिरणाय नमः स्वाहा फिर अन्त में दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करें पद्मप्रभजिनेन्द्रस्य, नामोच्चारेण भास्कर ! शान्तिं तुष्टिं च पुष्टिं च, रक्षां कुरु जयश्रियम् ।। 2. चन्द्र पूजन सर्वप्रथम निम्न मन्त्र बोलकर अक्षत एवं पुष्प से चन्द्र ग्रह को बधायें। ॐ रोहिणी पतये चन्द्राय ॐ ह्रीं ह्रां द्री चन्द्राय नमः स्वाहा। उसके बाद चंदन से चन्द्र का आलेखन करें। फिर निम्न मंत्र से चन्द्र का आह्वान करें। ॐ नमश्चन्द्राय सवाहनाय सपरिकराय सायुधाय अमुक गृहे वृद्धस्नात्र महोत्सवे आगच्छ-आगच्छ स्वाहा। फिर निम्न मंत्र से चन्द्र की स्थापना करें।
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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