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________________ किसे-कौनसे तीर्थंकर की प्रतिमा भरवानी चाहिए? ...221 क्र. नक्षत्र चरण अक्षर सर्वोत्तम उत्तम मध्यम ता नमिनाथ | ती श्रेयांसनाथ,शांतिनाथ, मुनिसुव्रत स्वामी, मल्लिनाथ, धर्मनाथ, शीतलनाथ, चन्द्रप्रभु, पुष्पदंत, आदिनाथ |कुन्थुनाथ, श्रेयांसनाथ, सुमतिनाथ, शीतलनाथ वासुपूज्य नेमिनाथ, श्रेयांसनाथ पद्मप्रभ, महावीर, विमलनाथ, अनंतनाथ, मुनिसुव्रत स्वामी, अरनाथ संभवनाथ, अभिनंदन स्वामी सुपार्श्वनाथ, पार्श्वनाथ, धर्मनाथ शांतिनाथ, नमिनाथ, वासुपूज्य विमलनाथ, अनंतनाथ, अरनाथ, मल्लिनाथ | तू धनु ये सुमतिनाथ, आदिनाथ, पुष्पदंत श्रेयांसनाथ, वासुपूज्य, शीतलनाथ मुनिसुव्रत, अजितनाथ, कुन्थुनाथ श्रेयांसनाथ,वासुपूज्य अनंतनाथ, अरनाथ विमलनाथ मुनिसुव्रत, संभवनाथ, अभिनंदन स्वामी, पद्मप्रभ नेमिनाथ, महावीर वासुपूज्य, धर्मनाथ, |विमलनाथ, अनंतनाथ, |सुपार्श्वनाथ,पार्श्वनाथ अरनाथ, शांतिनाथ, मल्लिनाथ, नमिनाथ |सुमतिनाथ,विमलनाथ, चन्द्रप्रभ अजितनाथ, कुन्थुनाथ अनंतनाथ,अरनाथ शांतिनाथ,मल्लिनाथ, नमिनाथ भा भी
SR No.006251
Book TitlePratishtha Vidhi Ka Maulik Vivechan Adhunik Sandarbh Me
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages752
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size15 MB
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