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________________ 28... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... 57. तहियं पंचुवयारा, कुसुमक्खय गंध धूव दीवेहिं । नेविज्जजलफलेहिं, जुत्ता अट्ठोवयारा वि ॥ (क) सम्बोध प्रकरण, 187 तहियं पंचुवयारा कुसुमक्खय-गंध-धूव-दीवहिं । फल जल नेविज्जेहिं, सहऽट्ठरुवा भवे सा उ॥ (ख) चैत्यवंदन महाभाष्य, 210 वर गंध धूव चुक्ख-क्खएहिं, कुसुमेहिं पवरदीवेहि । नेविज्ज-फल-जलेहिं य, जिणपूआ अट्ठहा होइ । (ग) विजयचन्द केवलि चरित्रे, जिनपूजा विधि-40 पुप्फामिसत्थुईहिं, तिहाऽहवा 'पूयमट्ठहा' कुज्जा । फल-जल-धूव-क्खय-वास, कुसुम-नेविज्ज दीवहिं । ___(घ) उपदेशमाला, दोघट्टी टीका, पत्र 417 गन्धैर्माल्यैर्विनिर्यबहल परिमलै, रक्षतैयूंवदीपैः, सान्नाज्यैः प्राज्यभेदैश्चरुर्भिरुपहृतैः पाकपूतैः फलैश्च । अम्भः संपूर्णपात्रैरिति हि जिनपतेरर्चनामष्टभेदां, कुर्वाणा वेश्मभाजः परमपदसुखस्तोममाराल्लभन्ते । (च) योगशास्त्र स्वोपज्ञ टीका, 3/120 वर-कुसुम-गंध-अक्खय, फल-जल-नेविज्ज-धूव-दीवेहिं । अट्ठविह कम्महणाणी, जिण-पूआ अट्ठहा होइ । (छ) कुमारपाल प्रतिबोध, पृ. 129 कुसुमक्खय-फल-जल-धूव, दीव-नेविज्ज वास निम्माया। पूया जिणेसराणं, सा अट्ठविहा णिद्दिट्ठा॥ (ज) अनंतनाथ चरित्र, 8 वर-गंध-धूव-वक्ख-क्खएहिं, कुसुमेहिं पवरदीवहिं । नेवेज्ज-फल-जलेहि य, जिणपूया अट्टहा भणिया॥ (झ) विचारसार प्रकरण, 43 कुसुमक्खय-गंध-पईव-धूव-नैवेज्ज-फल-जलेहिं पुणो । अट्ठविह कम्महणणीं अट्ठवयारा हवइ पूआ । (ल) श्राद्धविधि प्रकरण, पृ. 132
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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