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________________ 22... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... 7. स्नान विलेपन, सुसुगन्धिपुष्प, धूपादिभिः शुभैः कान्तम् । विभवानुसारतो यत्काले, नियतं विधानेन । अनुपकृत परहितरतः, शिवदस्त्रिदशेश पूजितो भगवान् । पूज्योहितकामानामिति, भक्त्या पूजनं पूजा । षोडशक प्रकरण, भा-2, 9/1-2 8. काले सुइभूएणं, विसिट्ठपुप्फाइ एहिं विहिणा उ। सारथुई थोत्तगरूई, जिणपूजा होइ कायव्वा ॥ पंचाशक प्रकरण, 4/3 9. गायत्र्यादिपाठपूर्वके सन्ध्याऽर्चने। उद्धृत- अभिधान राजेन्द्र कोश, भा.5, पृ. 1073 10. गन्धमाल्यवस्त्रपात्रान्नपानप्रदानाऽऽदिसत्कारे। वही 11. यथौचित्येन पुष्पफलाहारवस्त्राऽऽदिभिरूपचारे । प्रवचनसारोद्धार, 10वें द्वार की टीका 12. श्री जिनपूजा विधि संग्रह, पं. कल्याणविजयजी, पृ. 68 13. पूया देवस्स दुहा विन्नेया, दव्वभाव भएणं। विंशति विंशिका, 8/1 14. द्रव्यतो भावश्चैव, द्विविधम् देवतार्चनम्। . द्रव्यतो जिनवेशमादि, स्तुतिस्तोत्रादि भावतः ॥ धर्मरत्नकरंडक, गा. 45 15. द्रव्य भाव शुचि भाव धरिने, हरखे देहरे जइये रे । श्री सुविधिनाथ स्तवन, आनंदघन चौबीसी 16. पूजा द्विप्रकारा द्रव्यपूजा भावपूजा चेति भगवती आराधना 47/159/20 17. द्रव्ये भावे च स्तवो द्रव्ये, भावस्तव रागतः सम्यक । पंचाशक प्रकरण, 7/2 18. गन्ध पुष्प धूपाक्षतादि दानं अर्हदाधुद्दिश्य द्रव्य पूजा। अभ्युत्थान प्रदक्षिणा करण प्रणमनादिका काय क्रिया च वाचा गुणस्तवनं च ॥ भगवती आराधना, 47/159/21 19. दवेण य दव्वस्स य जा पूजा जाण दव्वपूजा सा। वसुनन्दि श्रावकाचार, 448
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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