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________________ पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म......!xili तथ्य * संध्याकालीन पूजा में आरती की महत्ता * त्रिकाल पूजा के बहुपक्षीय लाभ * वर्तमान समय में त्रिकाल पूजा एक समीक्षात्मक चिंतन। • दर्शन किसका और किसलिए? • परमात्मा का दर्शन बार-बार क्यों करना चाहिए? • कैसे जाएं परमात्मा के दरबार में * राजा कैसे जाएँ? * नगर सेठ एवं श्रीमंत श्रेष्ठी किस प्रकार जाएँ? * सामान्य श्रावक किस प्रकार दर्शन करने जाएँ? • प्रतिमा पूजन का उद्देश्य विविध परिप्रेक्ष्य में • चंचल मन का वशीकरण मंत्र, जिनपूजा • मानव सभ्यता और जिनपूजा • जिन दर्शन, निज दर्शन करने का National Highway • चैत्यवंदन, भाव पूजा का महत्त्वपूर्ण चरण • पंचामृत अभिषेक के वैज्ञानिक तथ्य • जिनपूजा में विधि एवं क्रमिकता की आवश्यकता क्यों? • जीवन उत्कर्ष का मुख्य आधार नित्य पूजा • जिन पूजा में नियममर्यादाओं का विधान कितना सार्थक? • पूजा कब करनी चाहिए? • जिन पूजा में प्रयुक्त मुद्राओं के हेतु एवं लाभ। • अष्टमंगल का वैश्विक स्वरूप • परमात्मा के प्राकृतिक स्वागत कर्ताअष्टमंगल • अष्टमंगल की रचना कब और कैसे? • अष्टमंगल पूजनीय है या नहीं • विविध परम्पराओं में अष्टमंगल की मान्यता • अष्टमंगल का प्रतीकात्मक स्वरूप एवं उनके रहस्य * जैन धर्म में स्वस्तिक का स्थान * अन्य संप्रदायों में स्वस्तिक की महत्ता * विश्व प्रेम का पावन प्रतीक श्रीवत्स * देव विन्यास का सूचक नंद्यावर्त्त * वृद्धि का प्रेरक वर्धमानक * पूर्णता का मंगल उद्बोधक मंगल कलश * पवित्रता का पुंज भद्रासन * प्रगति का प्रेरणा स्रोत मीन युगल * आत्म स्वरूप का दर्शक दर्पण * अष्टमंगल मानव जगत को एक ईश्वरीय वरदान * जीवन निर्माण का प्रमुख सूत्र-अष्टमंगल। अध्याय-8 : जिन पूजा की प्रामाणिकता; ऐतिहासिक एवं __शास्त्रीय संदर्भो में 291-334 • साकार आलम्बन का बदलता स्वरूप • आलम्बन का अर्थ एवं उसकी आवश्यकता • जिन प्रतिमा एक सर्वश्रेष्ठ आलंबन कैसे? • प्राचीन एवं अर्वाचीन साहित्य के परिप्रेक्ष्य में जिनपूजा • आगम साहित्य के आलोक में जिन पूजा • मध्यकालीन साहित्य और जिनपूजा • अर्वाचीन साहित्य में जिनपूजा का बदलता
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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