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________________ जिनपूजा की प्रामाणिकता ऐतिहासिक एवं शास्त्रीय संदर्भो में...329 42. कल्पसूत्रटीका, पत्र 192 43. (क) द्वीपसागर पन्नति (ख) आवश्यक हारिभद्रीय टीका, उद्धृत- प्रतिमा पूजन पृ. 133 44. आवश्यकनियुक्ति, वही, पृ. 134 45. अकसिण पवत्तगाणं, विरयाविरयाणं एस खलु जुत्तो। संसारपयणु करणो, दव्वत्थए कूवदिळंतो॥ आवश्यकभाष्य, भा. 2, गा. 194 46. आवश्यक हारिभद्रीय टीका, भा. 2, पृ. 2 .. 47. आवश्यक नियुक्ति, उद्धृत, प्रतिमा-पूजन, पृ. 146 48. आवश्यकभाष्य, 194 49. बृहत्कल्पसूत्र, गा. 1769 की टीका 50. समोसरणं ति जिनस्नपन-रथानुयान-पट्टयात्रादिषु यत्र बहवः साधवो मिलन्ति तत्समवसरणं। समवायांग टीका, उद्धृत-विधि संग्रह, पृ. 12 51. कप्पूरमलयजेहिं, कत्थुरिय कुंकुमाइ दव्वेहिं । जिणबिम्बसमालभणं, करेज्ज भत्तीए परमाए । विहवाणुसारि जो पूण, पुयं विरएज्ज सुरहिकुसुमेहिं । कंचण-मोत्तिय-रयणाई, दामएहिं च विविहेहिं । सिद्धत्थयदहियक्खय खज्जग-वरलड्डगाइदव्वेहिं । अंबगमाइफलेहिं य, विरएज्ज बलिं सुसंविग्गो । आवश्यकभाष्य, 161, 163, 97 उद्धृत-विधि संग्रह, पृ. 22 52. आवश्यकभाष्य, 191 53. भरहो य तत्थ चेतियघरं कारेति वड्डति रयणेणं जोयणायामं तिगाउस्सेहं सिंहनिसादि सिद्धायतण पलिभागं अणेगखंभ सयसन्निविट्ठ। एवं जहा वेयड्ड सिद्धातत्तणं जंबुद्वीवपन्नतिए जाव झत्ता, तस्स णं चउद्दिसिं चत्तारिदारा सेता वरकणगथुभितागा जाव पडिरूव। आवश्यकचूर्णि, उद्धृत-विधिसंग्रह, पृ. 23 54. जीतकल्पभाष्य, गा. 94, 2465-66 55. अष्टक प्रकरण, 3/1-4 56. विंशतिविंशिका, 8/1-20
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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