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________________ 160... पूजा विधि के रहस्यों की मूल्यवत्ता - मनोविज्ञान एवं अध्यात्म... है कि मानो मेरे आत्मा रूपी ज्ञान कलश से समतारस रूपी धाराएँ बह रही हैं और अनादिकालीन वैभाविक मल उससे दूर हो रहा है। हे राजराजेश्वर! मेरे हृदय सिंहासन पर अब तक मोहराज का साम्राज्य था। आज इस अभिषेक क्रिया के द्वारा मैं अपने हृदय सिंहासन पर आपकी स्थापना करना चाहता हूँ। हे देवाधिदेव! मेरे इन भावों को स्वीकार करते हुए आप मेरे मन को स्वच्छ एवं निर्मल बनाकर अपने ही समान आत्मरस में निमग्न करने वाले परमात्म पद पर स्थापित करें। चंदनपूजा से करें तन-मन को शीतल जिनेश्वर परमात्मा की चंदन-केसर रूप विलेपन पूजा करते हुए हृदय में यह भावना लानी चाहिए कि हे भगवन्! चंदन शीतलता का प्रतीक है। दाहज्वर की भीषण गर्मी एवं ताप संताप को दूर करने में चंदन सर्वश्रेष्ठ है। हे करुणानिधान! मेरी आत्मा दुनिया के ताप-संताप, विषय-कषाय रूपी दावानल की गर्मी एवं ताप से संत्रस्त है। अत: आप ही मेरी आत्मा को समतारस रूपी शीतल चंदनरस से आत्मिक शीतलता प्रदान कर सकते हैं। हे विश्वोपकारी! जिस प्रकार चंदन काटने, जलाने या घिसने पर भी सुगंध और शीतलता रूप अपने स्वभाव को नहीं छोड़ता, उसी तरह हे शान्त सुधारस! दुनिया के विविध विपरीत प्रसंगों में भी मेरी आत्मजागृति बनी रहे, मैं भी अपने आत्मस्वभाव में मस्त रहूँ एवं सहजानंद की प्राप्ति करूं। हे लावण्यस्वरूपी! आपके स्पर्श मात्र से मेरी आत्मा विषय-कषायों से मुक्त हो सकती है। चंडकौशिक जैसा विषधर सर्प भी आपकी शरणागति को पाकर कषायों से मुक्त हो गया, भयंकर क्रोध विष से शांत साधक बन गया। मेरी आत्मा भी विषरूपी परभावों से लिप्त है। हे दया निधान! दया करके मुझे भी इन सबसे मुक्त कर अपने समीप स्थान देने की कृपा करें। हे जगत नाथ! कई लोग शीतलता पाने हेतु A.C., Cooler, Freeze आदि का उपयोग करते हैं तो कोई Swimming Pool आदि में जाकर पड़े रहते हैं। किन्तु इन सबसे तो बाह्य शारीरिक शीतलता प्राप्त होती है। भीतर की आग को शान्त करने का सामर्थ्य इनमें नहीं है, उस आग को तो मात्र आप ही शान्त कर सकते हैं। आपकी चन्दनपूजा के माध्यम से मेरे विषय-कषाय उपशान्त
SR No.006250
Book TitlePuja Vidhi Ke Rahasyo Ki Mulyavatta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages476
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size32 MB
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