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________________ 234...षडावश्यक की उपादेयता भौतिक एवं आध्यात्मिक सन्दर्भ में ___आवश्यक हारिभद्रीय टीका, पृ. 15 14. सीयलय खुडुए वीर, कन्ह सेवगदु पालए संबे। पंचे ऐ दिटुंता, किइकम्मे दव्व भावेहिं । (क) गुरुवंदनभाष्य, गा. 11 (ख) प्रवचनसारोद्धार, गा. 128 की टीका, पृ. 75 (ग) आवश्यकनियुक्ति, गा. 1104 की टीका, पृ. 15 15. आवश्यकनियुक्ति, 1103 की टीका, पृ. 14 16. मूलाचार, 578 की टीका, पृ. 429 17. आवश्यकनियुक्ति, गा. 1104 की टीका, पृ. 15-16 18. मूलाचार, 578 की टीका, पृ. 428 . 19. आवश्यकनियुक्ति, 1104 की टीका, पृ. 16-17 20. मूलाचार, 578 की टीका 21. आवश्यकनियुक्ति, गा. 1104 की टीका, पृ. 17 22. वही, पृ. 17 23. द्रव्यतो मिथ्यादृष्टेरनुपयुक्त-सम्यग्दृष्टेश्च, भावतः सम्यग्दृष्टरूपयुक्तस्य। आवश्यक हारिभद्रीय टीका, पृ. 15 24. वंदना...अभ्युत्थानप्रयोगभेदेन द्विविधे विनये प्रवृत्ति प्रत्येकं तयोरनेक भेदता... भगवती आराधना, गा. 118 की टीका, पृ. 154 25. गुरुवंदणमह तिविहं, तं फिट्टा छोभ बारसाऽऽवत्तं । सिरनमणाइसु पढमं, पुन खमासमणदुगि बीअं॥ गुरुवंदणभाष्य, गा. 1 26. अंजलिबद्धो अद्धोणओ अ पंचंगओ अति पणामा। चैत्यवंदनभाष्य, गा. 9 27. नामट्ठवणा दव्वे खेत्ते, काले य होदि भावे य। एसो खलु वंदणगे, णिक्खेवो छब्बिहो होइ । मूलाचार, 577 की टीका 28. मूलाचार, 582-585 की टीका 29. ज्ञानदर्शनचारित्रोपचारः। (क) तत्त्वार्थसूत्र 1/23 विणओ तिविहो णाण-दसण-चरित्तविणओत्ति।
SR No.006248
Book TitleShadavashyak Ki Upadeyta
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSaumyagunashreeji
PublisherPrachya Vidyapith
Publication Year2014
Total Pages472
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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